उल्फा (आइ) में दूसरे नंबर का कमांडर राजखोवा ने किया आत्मसमर्पण, उग्रवादी संगठन के खोल सकता है अहम राज
दृष्टि राजखोवा फिलहाल सेना की खुफिया जानकारी के दायरे में है और उसे असम लाया जा रहा है। राजखोवा को यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (Independent) के कमांडर इन चीफ परेश बरुआ का कारीबी विश्वासपात्र माना जाता है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। उग्रवादी समूह उल्फा (Independent) के दूसरे नंबर का कमांडर दृष्टि राजखोवा ने बुधवार को मेघालय में आत्मसमर्पण किया है। उसके चार और साथियों ने भी आत्मसमर्पण किया है। राजखोवा फिलहाल सेना की खुफिया जानकारी के दायरे में है और उसे असम लाया जा रहा है। राजखोवा को यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (Independent) के कमांडर इन चीफ परेश बरुआ का कारीबी विश्वासपात्र माना जाता है।
सूत्रों ने कहा कि राजखोवा पिछले दिनों बांग्लादेश में था और अभी कुछ दिन पहले ही मेघालय आया था। एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि राजखोवा का आत्मसमर्पण उग्रवादी समूह (उल्फा) के लिए एक बड़ा झटका है। उल्फा (Independent) असम के एक स्वतंत्र राज्य की मांग करता रहा है। सरकार ने इस संगठन में 1990 में प्रतिबंध लगाया था।
जब उल्फा (आइ) उग्रवादी संगठन का पुलिस ने किया था भंडाफोड़
उत्तर पूर्वी भारत में उल्खा (आइ) काफी सक्रिय आतंकवादी गैंग है। सेना और राज्य पुलिस हमेशा ही इस संगठन से जुड़े आतंकियों पर धरपकड़ करती आई है। पिछले महीनों ही असम पुलिस की संयुक्त टीम ने तिनसुकिया जिले में प्रतिबंधित उल्फा (आइ) उग्रवादी के भर्ती रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए हथियारों के साथ उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार था। संयुक्त टीम ने उनके कब्जे से चार नाबालिगों को बचाया था। इस दौरान सेना के एक अधिकारी ने बताया था कि हाल के दिनों में उल्फा (आइ) का यह सबसे बड़ा भर्ती रैकेट था। तिनसुकिया के विभिन्न स्थानों से चार कट्टर सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। भर्ती होने के लिए लाए गए चार नाबालिगों को भी उनके चंगुल से निकाला गया था।