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Positive India : IIT-IIM के छात्रों के साथ मिलकर ये IAS अधिकारी दिला रहे हैं मजदूरों को रोजगार

दिल्ली में एक आईआईएस अधिकारी ने आईआईटी-आईआईएम के छात्रों के साथ मिलकर मजदूरों को रोजगार दिलाने की नायाब मुहिम चलाई है। इस अभियान के तहत एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 09:24 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 09:32 AM (IST)
Positive India : IIT-IIM के छात्रों के साथ मिलकर ये IAS अधिकारी दिला रहे हैं मजदूरों को रोजगार
Positive India : IIT-IIM के छात्रों के साथ मिलकर ये IAS अधिकारी दिला रहे हैं मजदूरों को रोजगार

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। दिल्ली में एक आईआईएस अधिकारी ने आईआईटी-आईआईएम के छात्रों के साथ मिलकर मजदूरों को रोजगार दिलाने की नायाब मुहिम चलाई है। इस अभियान के तहत एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इसपर फोन कर मजदूर अपनी स्किल के अनुसार नौकरी पा सकता है। इसके साथ ही जिन कंपनियों को मजदूर या कामगार चाहिए, वे भी खुद को यहां रजिस्टर करा सकते हैं। रोजगार मुहैया कराने के इस अभियान को फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम का भी समर्थन मिला है।

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दिल्ली सरकार में उपायुक्त (आईएएस अधिकारी) अभिषेक सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के बाद मजदूरों से काम छिन गया। समय पर काम नहीं मिल पाने के कारण उन्हें पलायन करना पड़ा। ऐसे में इन मजदूरों की समस्या को दूर करने के लिए हमने एक हेल्पलाइन नम्बर (8800883323) जारी किया है। यह हेल्पलाइन नंबर सप्ताह के सातों दिन सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक चालू रहेगा। इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके मजदूर रोजगार हासिल कर सकता है। साथ ही जिन्हें मजदूरों की जरूरत है, वे भी फोन करके यहां संपर्क कर सकते हैं।

सिंह ने बताया कि यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां मजदूर और जिन्हें मजदूरों की जरूरत है, दोनों रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। पंजीकरण के बाद जरूरत के आधार पर मजदूरों को रोजगार मिल सकता है। ऐसे में दिल्ली में रोजगार के लिए कंस्ट्रक्शन वर्कर, कारपेंटर, पेंटर, प्लंबर सहित अन्य मजदूरों को अब भटकना नहीं होगा, बल्कि एक एप की मदद से उन्हें रोजगार उपलब्ध हो जाएगा।

सिग्मा के तहत मजदूरों को नौकरियां दिला रहे हैं अभिषेक

अभिषेक सिंह ने बताया कि एक बार वह आईआईएम, अहमदाबाद में लेक्चर के लिए गए थे। स्टूडेंट्स से बातचीत के दौरान मैंने लोगों की सरकारी सिस्टम के प्रति उदासीनता दिखी। मैंने उनसे कहा कि अगर आपको कुछ सकारात्मक करना है या आपको सरकारी तंत्र में कुछ सुधार को लेकर सुझाव देना हो तो साथ काम करिए। इसके बाद मैंने आईआईटी-आईआईएम के छात्रों के साथ मिलकर सिग्मा थिंक टैंक बनाया। इस थिंक टैंक को आईआईएम अहमदाबाद के छात्रों के एक समूह द्वारा आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह और दुर्गा शक्ति नागपाल द्वारा शुरू किया गया था। मौजूदा समय में इससे आईआईएम बेंगलुरु, आईआईएम कोलकाता, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, सेंट स्टीफंस कॉलेज और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के छात्र जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि सिग्मा ने ही दिल्ली-एनसीआर में श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए एक एकत्र हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है। अभिषेक ने बताया कि हमने कंपनियों से बात कर 2500 नौकरियां एकत्रित कर ली। उसके बाद मजदूरों से संपर्क अभियान और हेल्पलाइन नंबर शुरू किया।

अभी हैं इतनी नौकरियां

अभिषेक सिंह ने बताया कि अभी हमारे पास 2,5000 नौकरियां हैं। इनके लिए 2500 फोन भी आ चुके हैं। पर इनमें बहुत फोन ऐसे आ रहे हैं, जो ज्यादा पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल मजदूरों के लिए काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसमें अन्य को भी जोड़ा जाएगा। अभी सिग्मा से आईआईटी-आईआईएम के 26 छात्र जुड़े हैं।

जॉन अब्राहम ने सहायता की पेशकश की

आईएसएस अधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि हमारे इस अभियान को मशहूर बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम का भी समर्थन मिला है। उन्होंने बताया कि जॉन ने उनके इस अभियान की तारीफ की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। अभिषेक के अनुसार, जॉन ने उनसे कहा कि वह इस वर्ग की चिंताओं को बखूबी समझते हैं और अगर जरूरत पड़ी तो वह श्रमिकों के फोन उठाने के लिए भी तैयार हैं।

एप भी कर रहे तैयार

दिल्ली सरकार में उपायुक्त (आईएएस अधिकारी) अभिषेक सिंह आईआईटी और आईआईएम के स्टूडेंट्स के साथ मिलकर एक एप भी तैयार कर रहे हैं। इस एप की मदद से मजदूरों को आसानी से रोजगार उपलब्ध हो जाएगा। एप में मजदूरों के पेशे के आधार पर कैटेगरी बनी होगी। उन्हें उसी आधार पर आवेदन करना होगा। इस एप की मदद से मजदूरों को जल्द और बेहतर जगह पर रोजगार उपलब्ध करवाने में आसानी होगी। अभी हेल्पलाइन नम्बर पर आ रहे फोन को अलग अलग कैटेगरी में रखना पड़ता है। जबकि एप में अपने आप ही हो जाएगा। इससे मजदूरों को भी सहूलियत होगी, वहीं नियोक्ताओं को भी मजदूरों की पहचान करने में कोई समस्या नहीं होगा। 


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