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कोरोना महामारी के हालात में तेजी से सुधार, लेकिन किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती

मामले बढ़ने नहीं पाएं इसके लिए जरूरी है कि हम कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करते रहें। बड़ी संख्या में एक जगह जमा नहीं होना है पार्टी नहीं करनी है और अत्यधिक सतर्क रहना है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 02:11 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 02:11 AM (IST)
कोरोना महामारी के हालात में तेजी से सुधार, लेकिन किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती
बड़ी संख्या में एक जगह जमा नहीं होना है, पार्टी नहीं करनी है और अत्यधिक सतर्क रहना।

नई दिल्ली, एजेंसी। भीषण तबाही मचाने के बाद कोरोना महामारी की दूसरी लहर अब उतार पर है। हालात तेजी से सुधर रहे हैं, लेकिन सरकार ने लोगों को सावधान करते हुए कहा है कि किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसलिए भविष्य में महामारी की लहर को रोकने के लिए लोग एक जगह जमा होने से बचें और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते रहें।

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नीति आयोग ने कहा- महामारी में हो रहा सुधार, मामले बढ़ने नहीं पाएं, नियमों का करें सख्ती से पालन

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केंद्र और राज्य दोनों ही स्तरों के साथ ही स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर अनुशासन और उचित व्यवहार के चलते महामारी की स्थिति में सुधार हो रहा है। अब हमारे सामने मुश्किल घड़ी आ रही है। पाबंदियों में क्रमश: ढील दी जा रही है, इसलिए मामले बढ़ने नहीं पाएं, इसके लिए जरूरी है कि हम कोरोना से बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करते रहें।

बड़ी संख्या में एक जगह जमा नहीं होना है, पार्टी नहीं करनी है और अत्यधिक सतर्क रहना

उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीने तक हमें बड़ी सभाएं नहीं करनी हैं, बड़ी संख्या में एक जगह जमा नहीं होना है, पार्टी नहीं करनी है और अत्यधिक सतर्क रहना है। उन्होंने कहा कि अगर अगले पांच से छह महीने तक सभी लोग सावधान रहें और नियमों का पालन करते रहते हैं तो टीकाकरण में भी तेजी आएगी और लोगों की जिंदगी बच जाएगी।

पाल ने कहा- फाइजर-माडर्ना की वैक्सीन को अभी मंजूरी नहीं

एक सवाल पर डाॅ. पाल ने कहा कि अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और माडर्ना की वैक्सीन को अभी देश में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी गई है। यह मामला अभी विचाराधीन है।

अमेरिका और इटली से भारत की स्थिति बेहतर

प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि जांच में तेजी आने के साथ ही संक्रमण में लगातार तेज गिरावट हो रही है। सात मई के बाद से संक्रमण के मामलों में 79 फीसद की गिरावट आई है। प्रति 10 लाख आबादी पर सबसे कम मामलों और मौतों वाले देशों में भारत शामिल है। भारत की तुलना में प्रति 10 लाख आबादी पर अमेरिका में पांच गुना और इटली में 3.4 गुना ज्यादा मामले हैं।

पर्याप्त टीकाकरण तक नियमों का पालन करना जरूरी

एम्स दिल्ली के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जब तक पर्याप्त संख्या में लोगों का टीकाकरण नहीं हो जाता है, तब तक कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना जरूरी है। जब आबादी के बड़े हिस्से का टीकाकरण हो जाएगा और प्राकृतिक रूप से कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित हो जाएगी, तब जाकर महामारी की लहरें आनी बंद होंगी।

भावी लहर का बच्चों पर गंभीर प्रभाव को लेकर कोई डाटा नहीं

डाॅ. गुलेरिया ने कहा कि अभी तक ऐसे आंकड़े या साक्ष्य नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि कोरोना महामारी की आगामी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। देश और विदेश में महामारी के आंकड़े बतातें हैं कि न तो कोरोना वायरस के नए वैरिएंट और न ही पुराने वैरिएंट ने बच्चों को गंभीर रूप से संक्रमित किया है। इस महामारी से संक्रमित 60-70 फीसद बच्चे पहले से ही किसी न किसी गंभीर रोग से ग्रस्त थे।


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