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Alert! वर्षों तक जिंदा रह सकता है Corona Virus, खांसने और छींकने वालों से बनाकर रखें दूरी

Novel Coronavirus चीन के बाद थाइलैंड जापान दक्षिण कोरिया और आस्‍ट्रेलिया तक पहुंच गया है। ऐसे में भारत भी इसको लेकर हाई अलर्ट पर है। ऐसे में डॉक्‍टरों की राय भी जरूरी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 02:38 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 06:24 AM (IST)
Alert! वर्षों तक जिंदा रह सकता है Corona Virus, खांसने और छींकने वालों से बनाकर रखें दूरी
Alert! वर्षों तक जिंदा रह सकता है Corona Virus, खांसने और छींकने वालों से बनाकर रखें दूरी

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। कोरोना वायरस चीन से निकलकर एशिया के दूसरे देशों में पांव पसार रहा है। अब तक इस वायरस के तीन मामले जापान और थाइलैंड और एक मामला दक्षिण कोरिया में सामने आ चुका है। आस्‍ट्रेलिया में भी चीन से लौटे एक शख्‍स की गहन जांच की जा रही है। पूरी दुनिया में इस वायरस को लेकर कई देशों ने चीन की यात्रा करने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया है। भारत ने भी इसी तरह का अलर्ट जारी कर रखा है। अकेले चीन में ही इसके अब तक करीब 220 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि तीन लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हो चुकी है।  

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वुहान में सामने आया पहला मामला 

आपको बता दें कि इसका सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर में सामने आया था। वर्ष 2002 और 2003 में इसकी वजह से चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हुई थी। वर्तमान में इस वायरस से जो तीन मौत हुई हैं वो भी वुहान शहर में ही हुई हैं। चीन में अब तक इसके जो मामले सामने आए हैं उनमें अकेले 198 मामले वुहान में ही सामने आए हैं।  

जानकारियों को लेकर असमंजस

गौरतलब है कि इस वायरस को लेकर अभी तक कई सारी जानकारियां सामने नहीं आ सकी हैं। इनमें से एक और सबसे अहम जानकारी इस वायरस के फैलने को लेकर है। अभी तक इसको लेकर जो दो बातें सामने आई हैं उनमें इसका स्रोत सीफूड मार्केट और पशुओं को माना जा रहा है। डब्‍ल्‍यूएचओ ने आशंका व्‍यक्‍त की है कि इसका स्रोत पशु हो सकते हैं। वहीं इस वायरस को लेकर एक बेहद खास जानकारी जो सामने आई है वो ये भी है कि यह किसी भी संक्रमित व्‍यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। 

भारत सरकार की एडवाइजरी में जारी बातें 

भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की तरफ से कोरोना वायरस को लेकर पहले ही एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। इसके अलावा मंत्रालय ने लोगों को कुछ एहतियात बरतने की भी सलाह दी है। ये सलाह चीन की यात्रा करने वालों के  अलावा अन्‍य लोगों के लिए भी है।  

  • अपने साथ ताजा खाना रखें और बाहर खाना खाने से बचें। 
  • हाथ मिलाने से बचें, यदि जरूरी ही हो तो हाथों को बाद में साबुन से अच्‍छे से धो लें।  
  • छींक या खांसी आने की सूरत में मुंह को कवर कर लें। 
  • किसी भी ऐसे व्‍‍‍‍‍‍यक्ति के संपर्क में आने से बचें जिसकी तबियत ठीक न हो। इसमें भी खांसी और छींकने वाले रोगी खास हैं।  
  • जानवरों के नजदीक जानें से बचें। इसके अलावा रॉ मीट का सेवन करने से भी बचें।   
  • किसी भी तरह से जानवरों के लिए बनाए गए फार्म, पशुओं के बाजार और बूचड़खाने में जाने से बचें।   
  • घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्‍क का प्रयोग करें। 
  • चीन जाने वाले अपने स्‍वास्‍थ पर करीब से नजर जरूर रखें, खांसी होने या लगातार छींक आने पर डॉक्‍टर की सलाह भी जरूर लें। यदि आप अस्‍वस्‍थ्‍य हैं तो यात्रा न करें। 
  • चीन जाने वाले किसी भी भारतीय को यदि यात्रा के दौरान विमान में अपनी तबियत खराब महसूस हो तो इसकी जानकारी तुरंत विमान में मौजूद परिचालिका को दें। परिचालिका से मास्‍क भी जरूर लें। ऐसे यात्री एयरपोर्ट हैल्‍थ ऑथोरिटी और इमिग्रेशन डिपार्टमेंट से संपर्क करें। 
  • अपने स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में जानकारी देते समय डॉक्‍टर को अपनी ट्रेवल हिस्‍ट्री भी जरूर बताएं।  

इधर भी दें ध्‍यान

यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक Severe acute respiratory syndrome या SARS निमोनिया का खतरनाक रूप है। इस तरह के मामले में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत भी होती है। कई बार इसमें मौत तक हो जाती है। खांसी-जुकाम का होना इसके रोगी की पहचान है। वर्ष 2003 में इस वायरस ने चीन में पांव पसारने शुरू किए थे और यह इसी दौरान ये खतरनाक स्‍तर तक जा पहुंचा था। खांसने और छीकने की वजह से यह वायरस खुली हवा में फैल जाता है ऐसे में व्‍यक्ति के आसपास का वातावरण भी दूषित हो जाता है, जिसकी वजह से वहां मौजूद अन्‍य लोग भी इसकी चपेट में आसानी से आ जाते हैं। इसमें सबसे खतरनाक बात ये है कि इसका वायरस कुछ माह से लेकर वर्षों तक भी जिंदा रह सकता है। इतना ही नहीं तापमान के अधिक गिरने पर भी यह वायरस जिंदा रह सकता है। इसके हवा में तेजी से फैलने की जानकारी भी कुछ जगहों पर सामने आई है। मल में इसका वायरस तलाशा जा चुका है और उस माहौल में यह करीब चार दिनों तक जिंदा रह सकता है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की मानें तो यह वायरस से ग्रसित रोगी के ठीक होने के बाद भी यह वायरस दोबारा हमला कर सकता है। इसके मुताबिक इस वायरस के संपर्क में आने के दो से दस दिनों के बाद व्‍यक्ति पर इसका असर दिखाई देने लगता है। 

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