Coronavirus: छत्तीसगढ़ में तीन और संक्रमित लोगों ने जीती कोरोना वायरस से जंग
नक्सलियों की खोखली विचार धारा को छोड़कर कुछ दिन पहले समाज की मुख्यधारा में लौटा मड़कम लक्खा अब कोरोना से जंग लड़ रहा है।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में तीन और कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों ने जंग जीत ली है। एम्स रायपुर ने स्वस्थ होने पर रविवार को इन्हें डिस्चार्ज कर दिया है। राज्य में इससे पहले दो बुजुर्गों समेत चार लोग कोरोना से जंग जीतने में कामयाब रहे हैं। राज्य में अब तक संक्रमित हुए दस लोगों में अब महज तीन लोग ही अस्पताल में भर्ती हैं।
दानवीर खाद्य सामग्री
दूसरी ओर प्रदेश दानवीर खाद्य सामग्री के सरकारी गोदामों में खाने-पीने की सामग्री पहुंचा रहे हैं। अभी तक फूड सप्लाई सेंटर में 200 ट्रक चावल, दाल, नमक, आलू और प्याज और तेल के भंडारण हो चुके हैं। अब इन खाद्य सामग्री के पैकेट बनाने के लिए चार हजार वॉलिंटयरों ने कमान संभाल रखी है।
यहां गायत्री परिवार और एनजीओ के करीब चार हजार वालंटियर पैकेट बनाने के साथ ही कॉल आने पर बताए गए पते पर रसद सामग्री पहुंचा रहे हैं। ये लोग बीएसयूपी और गरीब बस्ती के साथ ही अन्य कॉलोनियों में रहे श्रमिक और मध्यमवर्ग के परिवारों को खाना बनाने की सामग्री पहुंचा रहे हैं।
पका हुआ खाना तैयार करने में भी जुटे
पका हुआ खाना तैयार करने के लिए भी स्वयंसेवी संगठन और स्वसहायता समूह की महिलाएं दिन-रात खाना भी बनाने में लगी हैं। निगम दानताओं से मिले खाद्य सामग्री से तैयार खाना तैयार किया जा रहा है।
रिलीफ सेंटरों में भी पहुंचा रहे खाने के पैकेट
जिले में लाभांडी और निमोरा के रिलीफ सेंटरों में भी खाने के पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। यहां सुबह, शाम और रात में बराबर खाना पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा जनप्रतिनिधि और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी खाने का पैकेट पहुंचाने में लगे हैं।
आत्मसमर्पण कर चुका नक्सली कोरोना वायरस को रोकने के लिए बना रहा मास्क
नक्सलियों की खोखली विचार धारा को छोड़कर कुछ दिन पहले समाज की मुख्यधारा में लौटा मड़कम लक्खा अब कोरोना से जंग लड़ रहा है। वह पुलिस लाइन सुकमा में अपने हुनर का प्रयोग करते हुए कपड़े का मास्क तैयार कर रहा है। इस मास्क का उपयोग सुकमा जिले के सभी पुलिस कर्मी और जरूरतमंद लोग करेंगे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए मड़कम लक्खा का ये योगदान सराहनीय है। सलाम है इनके जज्बे को क्योकि सोच बदलेगी तो सुकमा बदलेगा।
कोरोनो से निपटने मोबाइल कनेक्टिविटी ही जरिया
बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क के 30 से अधिक गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं का नामोनिशान नहीं। महाराष्ट्र की सरहद पर बसे गांव लॉकडाउन से पहले तक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पड़ोसी राज्य के दामरेंचा पर थे निर्भर। सीमाएं सील हुईं तो मुश्किल हुआ इलाज। छत्तीसगढ़ के दायरे में आते हैं सभी गांव, मगर नक्सल खौफ से स्वास्थ्य सेवाओं में खलल पड़ी हुई है। साल में दो से तीन दफा ही मेडिकल कैंप के भरोसे होते हैं दो दर्जन से अधिक गांव। कोरोना से निपटने चिकित्सा अधिकारी मोबाइल पर अपडेट लेने को हैं मजबूर। चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि आपात स्थिति हुई तो टीम होगी रवाना।
युवक ने की चार लोगों की हत्या
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक युवक में एक घंटे के भीतर गांव में घूम-घूम कर चार लोगों की हत्या कर दी। इसमें उसकी मां भी शामिल है। यही नहीं विक्षिप्त ने कई मवेशियों को भी कुल्हाड़ी से काट डाला। उसे मानसिक विक्षिप्त बताया जा रहा है लेकिन चिकित्सकों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद आरोपित को हिरासत में ले लिया है।
नौ मिनट के बिजली बंद में कितना पड़ा सिस्टम पर असर
राज्य में इस वक्त बिजली की अधिकतम मांग 3100 मेगावॉट तक जा रही है। इसमें लाइट का लोड दो सौ मेगावॉट तक है, हालांकि बिजली कंपनी के अनुसार यह लोड तीन सौ मेगवॉट तक है। ऐसे में रात नौ बजे जब लाइट बंद की जाएगी तब लोड कितना घटेगा इस पर रिपोर्ट की जाएगी।