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तीन जांबाजों को वीरता के लिए मिला कीर्ति चक्र सम्मान

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आतंकियों, उग्रवादियों और नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान असाधारण वीरता दिखाने के लिए सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों के तीन जवानों को जहां कीर्ति चक्र अवार्ड प्रदान किया, वहीं दस जांबाजों को शौर्य चक्र पुरस्कार से नवाजा। उन्होंने सीआरपीएफ के सिपाही भृगु नंदन चौधरी और असम पुलिस के इंस्पेक्टर लोहित सोनोवाल को वीरता के लिए दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान कीर्ति चक्र मरणोपरांत प्रदान किया।

By Edited By: Published: Fri, 02 May 2014 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 02 May 2014 07:28 PM (IST)
तीन जांबाजों को वीरता के लिए मिला कीर्ति चक्र सम्मान

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आतंकियों, उग्रवादियों और नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान असाधारण वीरता दिखाने के लिए सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों के तीन जवानों को जहां कीर्ति चक्र अवार्ड प्रदान किया, वहीं दस जांबाजों को शौर्य चक्र पुरस्कार से नवाजा। उन्होंने सीआरपीएफ के सिपाही भृगु नंदन चौधरी और असम पुलिस के इंस्पेक्टर लोहित सोनोवाल को वीरता के लिए दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च सम्मान कीर्ति चक्र मरणोपरांत प्रदान किया। जबकि कीर्ति चक्र अवार्ड से सम्मानित होने वाले तीसरे जांबाज गोरखा रायफल्स के नायब सूबेदार भूपाल सिंह मागर थे। शौर्य चक्र सम्मान से नवाजे जाने वालों में सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट प्रकाश रंजन मिश्र प्रमुख हैं।

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गया में चौधरी ने किया था नक्सली हमला विफल

सीआरपीएफ की 205 कोबरा बटालियन के सिपाही ने 8 सितंबर, 2012 को बिहार के गया में हुए एक नक्सली हमले को विफल करने में अहम भूमिका निभाई थी। इस मुठभेड़ में 6 माओवादी मारे गए थे। इस दौरान असाधारण वीरता दिखाने के लिए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र अवार्ड से नवाजा गया।

उल्फा के दो उग्रवादियों को मारने के लिए सोनोवाल को मिला सम्मान

असम पुलिस के इंस्पेक्टर लोहित सोनोवाल ने पिछले वर्ष 19 अप्रैल को तिनसुकिया जिले में हुए मुठभेड़ के दौरान उल्फा के दो उग्रवादियों को मार गिराया था। इस कारण उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र सम्मान प्रदान किया गया। जबकि कीर्ति चक्र अवार्ड के तीसरे विजेता गोरखा रायफल्स के नायब सूबेदार भूपाल ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी पर दो आतंकवादियों को मार गिराया था।

मिश्रा ने चतरा में नक्सलियों को भागने पर किया विवश

इनके अलावा राष्ट्रपति ने दस जांबाजों को शौर्य चक्र अवार्ड से नवाजा। इनमें सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट प्रकाश रंजन मिश्र प्रमुख हैं। मिश्र ने 17 सितंबर, 2012 को झारखंड के चतरा में हुए मुठभेड़ के दौरान एक नक्सली को मार गिराया और बाकी माओवादियों को मैदान छोड़कर भागने के लिए विवश किया। इसी क्रम में असम रायफल्स के मेजर मनदीप सिंह घुम्मन भी सम्मानित हुए। इन्हें पूर्वोत्तार में दो उग्रवादियों को मारने के लिए शौर्य चक्र दिया गया। जबकि जाट रेजिमेंट के कैप्टन संदीप भरतिया को कश्मीर घाटी में एक आतंकी को मौत के घाट उतारने के लिए शौर्य चक्र दिया गया। इसी प्रकार 9पारा स्पेशल फोर्सेज के कैप्टन महाबीर सिंह को जम्मू के निकट सांबा स्थित सेना छावनी पर हमला करने आए एक आत्मघाती आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सम्मानित किया गया। इसी प्रकार सिपाही लालमजुआला को जैश-ए-मोहम्मद के एक शीर्ष कमांडर को मारने के लिए शौर्य चक्र दिया गया। शौर्य चक्र से सम्मानित होने वाले अन्य जांबाजों में मेजर स्वागत दास, मेजर अमरजीत सिंह, कैप्टन रामप्रीत सिंह और नायक बलविंदर सिंह शामिल रहे।

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