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Maharashtra Politics: जानिए कब-कब छुट्टी के दिन खुला है सुप्रीम कोर्ट

शिवसेना कांग्रेस और राकांपा की याचिका पर रविवार को सुनवाई के साथ इस साल तीसरी बार सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी के दिन सुनवाई हुई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 10:49 PM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 10:53 PM (IST)
Maharashtra Politics: जानिए कब-कब छुट्टी के दिन खुला है सुप्रीम कोर्ट
Maharashtra Politics: जानिए कब-कब छुट्टी के दिन खुला है सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की याचिका पर रविवार को सुनवाई के साथ इस साल तीसरी बार सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी के दिन सुनवाई हुई। इस साल पहली बार 20 अप्रैल को शनिवार के दिन तब सुनवाई हुई थी, जब सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद शनिवार, नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।

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2018 में ऐसा एक बार हुआ था। उस समय 15 और 16 मई की दरम्यानी रात को डेढ़ बजे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। यह सुनवाई कांग्रेस की याचिका पर हुई थी, जिसमें विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी गई थी।

इसी तरह 29 जुलाई, 2015 को मुंबई बम धमाकों (1993) के दोषी याकूब मेमन की फांसी को रोकने के लिए दी गई याचिका पर भी आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। 1985 में विदेशी मुद्रा विनिमय कानून (फेरा) कानून के तहत आरोपित उद्योगपति एलएम थापर के मामले में भी आधी रात को सुनवाई हुई थी।

कई बार सरकार गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट दे चुका है आदेश 

यह पहला मौका नहीं है जबकि सरकार गठन का फंसा पेंच सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हो। इससे पहले भी कई मामले सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं और कोर्ट सदन में बहुमत साबित करने का आदेश भी दे चुका है। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सबसे पहले एसआर बोम्मई के केस में कहा था कि सदन में बहुमत साबित होना ही अल्टीमेट टेस्ट है।

इसके बाद कोर्ट ने रामेश्वर दयाल के केस में इस बात को और स्पष्ट कर दिया। बाद में झारखंड का सरकार गठन का मामला, जिसे अनिल झा केस के नाम से जाना गया कोर्ट पहुंचा। उत्तर प्रदेश का जगदंबिका पाल का केस हुआ जिसमें कोर्ट के आदेश पर फ्लोर टेस्ट हुआ था।

2016 को हरीश रावत सरकार के मामले मे भी कोर्ट ने सदन मे बहुमत साबित करने का न सिर्फ आदेश दिया था बल्कि यह भी बताया था कि कैसे सदन मे फ्लोर टेस्ट होगा। और अभी पिछले साल का ताजा मामला कर्नाटक है जब कोर्ट ने येदुरप्पा सरकार को बहुमत साबित करने का आदेश दिया था।


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