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हनुमान जयंती: मंगलवार को चोला चढ़ाना है तो 26 साल करना पड़ेगा इंतजार

श्री तलाई वाले बालाजी मंदिर के भक्त देश के साथ ही विदेशों में भी है। मंदिर के प्रति श्रद्धा का ही नतीजा है कि यहां मंगलवार को चोला चढ़ाने के लिए 26 साल का इंतजार करना पड़ेगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 31 Mar 2018 09:03 AM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 09:10 AM (IST)
हनुमान जयंती: मंगलवार को चोला चढ़ाना है तो 26 साल करना पड़ेगा इंतजार
हनुमान जयंती: मंगलवार को चोला चढ़ाना है तो 26 साल करना पड़ेगा इंतजार

मंदसौर (आलोक शर्मा)। शहर के मध्य में स्थित श्री तलाई वाले बालाजी मंदिर के भक्त देश के साथ ही विदेशों में भी है। मंदिर के प्रति श्रद्धा का ही नतीजा है कि यहां मंगलवार को चोला चढ़ाने के लिए 26 साल का इंतजार करना पड़ेगा। आज अगर हम चोले की बुकिंग कराएंगे तो मई 2044 में नंबर आएगा।

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शनिवार को चोला चढ़ाने के लिए जनवरी 2039 तक का इंतजार करना पड़ेगा। सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार व रविवार को चोला चढ़ाने वाले की इच्छा रखने वालों को भी जुलाई 2025 तक तो रुकना ही पड़ेगा।

श्री तलाई वाले बालाजी मंदिर का इतिहास लगभग 700 वर्ष पुराना बताया जाता है। यहां आने वाले भक्तों का अपने भगवान से कुछ रिश्ता ही ऐसा है कि जो एक बार इस मंदिर पर आया व यही का होकर रह गया है। जिले की सीमा पार कर मंदिर की ख्याति देश भर में पहुंच गई है। और इसी का नतीजा है कि मंगलवार को यहां चोला चढ़ाने की इच्छा रखने वाले भक्तों ने मई 2044 तक की बुकिंग करा ली है।

आज कोई मंदिर पहुंचकर चोला चढ़ाने की इच्छा रखता है तो उसे 26 साल का इंतजार तो करना ही पड़ेगा। इसी प्रकार शनिवार को भी चोला चढ़ाने की के लिए जनवरी 2039 तक के सभी शनिवार बुक है। सप्ताह के बाकी दिनों में भी चोला चढ़ाने के लिए कम से कम 7 साल तो इंतजार करना ही पड़ेगा। उनका नंबर भी जुलाई 2025 के बाद ही आएगा।

ओबामा के लिए दो बार हो चुका है हवन
अमेरिका में बराक ओबामा जब भी दोनो बार राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बने थे तब भी उनके भारतवंशी समर्थक ने अपने मंदसौर निवासी रिश्तेदार की मदद से श्री तलाई वाले बालाजी में हवन कराए थे। इसके अलावा परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के श्री रामानुजजी महाराज भी यहां के भक्त है और हर साल हनुमान जयंती पर वे मंदिर में ही रहते हैं।

वटवृक्ष के नीचे रखी थी प्रतिमा
श्री तलाई वाले मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष धीरेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि प्रतिमा लगभग 700 वर्ष पुरानी है। और प्रारंभ में वटवृक्ष के नीचे स्थापित थी। उस समय यह स्थान शहर से दूर सूबा साहब (कलेक्टर) बंगला कहलाता है। आज भी इसे पुरानी सुबात कहा जाता है।

मंदिर के पास एक तलाई थी इसके कारण ही मंदिर का नाम तलाई वाले बालाजी हो गया है। बाद में यहां मंदिर का निर्माण हुआ है। और अभी इसका नवनिर्माण चल रहा है। तलाई की जगह नगर पालिका ने तरणताल बना दिया है। किवदंती है कि प्रतिमा की स्थापना अत्यंत सिद्ध परमहंस संत द्वारा की गई थी बहुत समय तक यहां बनी धर्मशाला, तलाई एवं मंदिर साधु-संतों एवं जमातों का विश्राम एवं आराधना स्थल रहा है।

श्री इच्छापूर्ण हनुमान मंदिर से 14 साल से जेल में भेज रहे हैं एक समय का भोजन
मंदसौर में शहीद उधमसिंह चौराहे पर स्थित श्री इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर पर हनुमान जन्मोत्सव पर होने वाले भंडारे से एक समय का भोजन मंदसौर जिला जेल में भी भेजा जाता है। यह परंपरा 14 सालों से चल रही है। श्री इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर पर होने वाले भंडारे में बनने वाला भोजन मंदसौर जिला जेल में पहुंचाया जा रहा है।

भंडारा आयोजन करने वाली चरण सेवक समिति के महेश राठौर, राजेश चौधरी, गोपाल गुप्ता, प्रदीप चौधरी ने बताया कि लगभग 14 साल पहले मन में विचार आया था कि जेल में बंद कैदी यदि भंडारे में नहीं आ सकते हैं तो क्या हुआ, हम उन्हें तो पहुंचा सकते हैं। बस एक विचार ने परंपरा का रूप ले लिया और 14 सालों से इसे निभा रहे हैं। श्री हनुमान जन्मोत्सव पर जैल में कैदियों के लिए एक समय का भोजन मंदिर से पहुंचाने के बाद ही मंदिर परिसर में भंडारा प्रारंभ होता है।


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