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अक्टूबर-नवंबर में भारत में पीक पर पहुंच सकती है कोरोना की तीसरी लहर, देश के वैज्ञानिकों ने जताई आशंका

हालांकि देश के वैज्ञानिकों ने कहा है कि तीसरी लहर दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक नहीं होगी। लेकिन आशंका जताई है कि अगर इस दौरान कोई नया घातक कोरोना वैरिएंट सामने आता है तो तीसरी लहर तेजी से फैल सकती है। जानिए और क्या-क्या कहा..

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 04 Jul 2021 12:25 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jul 2021 02:44 PM (IST)
अक्टूबर-नवंबर में भारत में पीक पर पहुंच सकती है कोरोना की तीसरी लहर, देश के वैज्ञानिकों ने जताई आशंका
अक्टूबर-नवंबर में आ सकती है भारत में कोरोना की तीसरी लहर!(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी होने के बीच तीसरी लहर(Third Wave) आने की आशंका भी जताई जा रही है। देश के कुछ वैज्ञानिकों ने अक्टूबर-नवंबर में भारत मे कोरोना की तीसरी लहर के पीक पर पहुंचने की संभावना जताई है। देश में कोरोना के मामलों पर नजर रखने वाले एक सरकारी पैनल के वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगर कोरोना से जुड़ी सावधानियां ना बरती गईं तो कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर के बीच अपने पीक यानि चरम पर पहुंच सकती है। हालांकि, उन्होंने एक राहत भरी बात ये कही है कि इस दौरान दूसरी लहर में नए मामलों की तुलना में तीसरी लहर में नए मामले आधे रह सकते हैं।

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कितने मामले आ सकते हैं ?

तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच अपने चरम पर पहुंच सकती है। इसमें 1,50,000 से 2,00,000 के बीच मामले बढ़ सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम हो सकते है। हालांकि, उन्होंने इस दौरान कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर इस दौरान कोई नया घातक कोरोना वैरिएंट सामने आता है तो तीसरी लहर तेजी से फैल सकती है।

IIT कानपुर के प्रोफेसर का आकलन

आइआइटी कानपुर के प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने गणितीय माडल सूत्र से कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत का आंकलन किया है। उनके मुताबिक, कोरोना की तीसरी लहर में अक्टूबर के पहले सप्ताह से केस बढ़ने की आशंका है। उनके मुताबिक, एक नवंबर से संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो सकती है जबकि 15 नवंबर तक संक्रमितों का ग्राफ नीचे आने लगेगा। उनका दावा है कि तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा खतरनाक नहीं होगी, लेकिन शारीरिक दूरी का पालन ना, मास्क न पहनना और वायरस का रूप बदलकर हमला करना घातक हो सकता है। उनके आकलन के मुताबिक नवंबर की शुरूआत में देश में रोजाना 1.80 लाख केस आएंगे। प्रो. अग्रवाल ने पहली और दूसरी लहर का सटीक आकलन किया था।


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