प्रवासी भारतीयों के लिए डाक मतपत्रों की अनुमति देने से पहले होगा विचार-विमर्श
चुनाव आयोग ने केंद्र की सरकार को प्रस्ताव दिया है कि वह पात्र प्रवासी भारतीय मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस) सुविधा को बढ़ाने का काम करे। यह सुविधा अभी सैन्यकर्मियों को फिलहाल के लिए उपलब्ध है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने पात्र प्रवासी भारतीयों को मतदान के लिए डाक मतपत्रों के उपयोग की अनुमति देने के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं किया है क्योंकि इस संबंध में अंतिम फैसला करने से पहले सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत होगी। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे प्रवासी भारतीयों को, जिनके नाम भारत में मतदाता सूची में हैं, डाक मतपत्रों के जरिए मतदान की अनुमति देने के लिए नियमों में संशोधन का चुनाव आयोग का प्रस्ताव अभी अधिकारियों के स्तर पर ही है और इस संबंध में राजनीतिक दलों के साथ चर्चा अभी बाकी है।
चुनाव आयोग ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि वह पात्र प्रवासी भारतीय मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस) सुविधा का विस्तार करे। यह सुविधा अभी सैन्यकíमयों को उपलब्ध है। चुनाव आयोग ने 27 नवंबर को कानून मंत्रालय में विधायी सचिव को भेजे एक पत्र में कहा कि सैन्यकर्मियों के बीच ईटीपीबीएस की सफलता से अब वह आश्वस्त है कि यह सुविधा प्रवासी मतदाताओं को भी मुहैया करायी जा सकती है। आयोग ने कहा कि वह असम, बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों में इस सुविधा का विस्तार करने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक रूप से तैयार है।
आइआइटी-गुवाहाटी के छात्रों ने फसलों के प्रबंधन में मदद के लिए बनाया एप
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआइटी) गुवाहाटी के छात्रों और एनआइटी सिल्चर तथा डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने किसानों को उनकी फसलों के प्रबंधन में मदद करने के लिए एक बहुभाषी एप एगस्पीक तैयार किया है। आइआइटी गुवाहाटी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ) के जरिए किसानों को उनके उत्पादों के बारे में लक्ष्य तैयार करने के लिए यह एप तैयार किया गया है। अपने स्मार्टफोन या कंयूटर पर एप के जरिए किसान कृषि संबंधी गतिविधियों का प्रबंधन कर सकते हैं।