Move to Jagran APP

कोरोना टेस्टिंग पर है पूरा जोर लेकिन रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर सरकार ने साधी चुप्पी

कोरोना के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या और नए उभरते हॉटस्पॉट के बाद सरकार वायरस को फैलने से रोकने के लिए अधिक-से-अधिक टेस्ट पर जोर दे रही है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 08:44 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 08:51 PM (IST)
कोरोना टेस्टिंग पर है पूरा जोर लेकिन रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर सरकार ने साधी चुप्पी
कोरोना टेस्टिंग पर है पूरा जोर लेकिन रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर सरकार ने साधी चुप्पी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार देश में कोरोना के मरीजों का जल्दी पता लगाने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट करने पर जोर तो दे रही है, लेकिन इसके लिए टेस्टिंग किट की उपलब्धता बताने के लिए तैयार नहीं है। यही नहीं, चीन से लाए गए किट के फेल हो जाने और उसे वापस करने के बाद रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर भी सरकार ने चुप्पी साध रखी है। हालात यह है कि टेस्टिंग रणनीति की जिम्मेदारी संभालने वाले आइसीएमआर का कोई भी अधिकारी मीडिया के सामने नहीं आ रहा है।

prime article banner

कोरोना के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या और नए उभरते हॉटस्पॉट के बाद सरकार वायरस को फैलने से रोकने के लिए अधिक-से-अधिक टेस्ट पर जोर दे रही है। यहां तक कि पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्यों को कम टेस्ट करने को लेकर फटकार भी लगाई गई है। लेकिन खुद केंद्र सरकार यह बताने को तैयार नहीं है कि 130 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में उसके पास कितने लोगों का टेस्ट करने के लिए किट उपलब्ध है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि नए मरीजों का पता लगाने में आरटी-पीसीआर आधारित किट ही सौ फीसदी सटीक है और इसी पर भरोसा किया जा सकता है। वैसे सरकार इसके निर्माण के लिए स्वदेशी कंपनियों को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन फिलहाल विदेश पर ही निर्भर करना पड़ रहा है।

प्रतिदिन 80 हजार से अधिक हो रहे टेस्ट 

पिछले तीन दिन के आंकड़ों को देखें तो देखें तो देश में 80 हजार से अधिक टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। यदि टेस्ट की संख्या और बढ़ाई गई तो प्रतिदिन लाखों टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है। जाहिर है इसके लिए बड़ी संख्या में टेस्ट किट की जरूरत पड़ेगी। पिछले हफ्ते सरकार ने आइटी-पीसीआर के 63 लाख किट का आर्डर दिया है, लेकिन ये कब तक देश में आ जाएंगे और फिलहाल देश में मौजूद किट कितने दिनों तक के लिए पर्याप्त है। इस पर चुप्पी है।

चीन से मंगाए गए 6.5 लाख किट सरकार ने किए वापस

सबसे बड़ी विडंबना तो एंटीबॉडी आधारित रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर है। खामी मिलने के बाद आइसीएमआर ने इसकी जांच पर रोक लगाते हुए चीन से मंगाए गए 6.5 लाख किट को वापस भी कर दिया। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि आगे रैपिड टेस्ट होगा या नहीं। इसके बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आइसीएमआर जल्द ही इस संबंध में नए दिशानिर्देश जारी करेगा।

ध्यान देने की बात है कि खुद सरकार की ओर से बताया गया था कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए मास टेस्टिंग की जरूरत है और इसमें रैपिड टेस्टिंग किट सहायक हो सकता है। कोरोना के मरीज की पुष्टि में यह भले ही उपयोगी नहीं हो, लेकिन रेड जोन वाले इलाके में इस वायरस के फैलाव को समझने में यह काफी उपयोगी हो सकता है। खासतौर पर बड़ी संख्या में बिना लक्षण और बिना इलाज के घर पर ही ठीक हो जाने का कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों का पता केवल एंटीबॉडी टेस्ट से लगाया जा सकता है। लेकिन इसके बारे में स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.