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चौथी लहर की चपेट में दुनिया, देश में भी तीसरी लहर की आशंका गहराई, बूस्टर डोज वाले भी चपेट में, सरकार ने किया आगाह

ओमिक्रोन के कारण दुनिया में कोरोना की चल रही चौथी लहर के बीच एक राहत भरी खबर है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अनुसार भारत समेत दुनिया में कहीं भी ओमिक्रोन संक्रमितों को आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 08:48 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 08:24 AM (IST)
चौथी लहर की चपेट में दुनिया, देश में भी तीसरी लहर की आशंका गहराई, बूस्टर डोज वाले भी चपेट में, सरकार ने किया आगाह
ओमिक्रोन के कारण दुनिया में कोरोना की चल रही चौथी लहर के बीच एक राहत भरी खबर है।

नई दिल्ली, जेएनएन। यूरोप और अमेरिका समेत विश्व के कई देशों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने लोगों को सावधान किया है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि विश्व कोरोना महामारी की चौथी लहर की चपेट में है और हमें भी बेहद सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाते हुए। सरकार ने यह बातें ऐसे समय में कहीं हैं जब देश में भी ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं और बूस्टर डोज लेने वाले भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

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चौथी लहर की चपेट में दुनिया

संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि विश्व में कोरोना महामारी की चौथी लहर की चपेट में है। गुरुवार को एक दिन में रिकार्ड नौ लाख 64 हजार से अधिक नए मामले सामने आए हैं और और संक्रमण दर 6.1 प्रतिशत बनी हुई है। यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका महाद्वीप में नए केस सबसे ज्यादा बढ़ रहे हैं। एशिया में मामले अभी कम मिल रहे हैं, लेकिन बहुत जल्द इन के बढ़ने की आशंका है और तब भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा। इसलिए हम सभी को भी बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।

संक्रमण दर बढ़ी

भूषण ने कहा कि केरल और मिजोरम में संक्रमण दर राष्ट्रीय औसत दर से बहुत अधिक है जो चिंता का कारण है। इसके अलावा 20 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच से 10 प्रतिशत के बीच और दो जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक है।

आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ रही

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि देश में प्रतिदिन 18 हजार टन से अधिक आक्सीजन उत्पादन की क्षमता विकसित की गई है। हालांकि, तीसरी लहर के दौरान इसकी जरूरत पड़ने की उम्मीद नहीं है क्योंकि भारत समेत किसी भी देश में ओमिक्रोन संक्रमितों के शरीर में आक्सीजन का स्तर कम होने के लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं।

भारत में अभी भी डेल्टा प्रमुख वैरिएंट

प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा कि देश में अभी भी सबसे संक्रामक और खतरनाक वैरिएंट डेल्टा ही है। हाल ही में कई क्षेत्रों में इसके मामले अचानक बढ़े हैं। इसलिए कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते रहने के साथ ही टीका लगवाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन संक्रमण से अभी गंभीर बीमारी नजर नहीं आई है। इसलिए ओमिक्रोन के लक्षण वाले मरीजों का इलाज भी वैसे ही चल रहा है जैसे डेल्टा, बीटा और गामा के मरीजों का।

दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें राज्य

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा. वीके पाल ने सभी राज्यों को ओमिक्रोन संक्रमण रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की सलाह दी। इसके साथ लोगों से भी कोरोना उचित व्यवहार के पालन की अपील की।

निजी अस्पतालों की अहम भूमिका

पाल ने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट के प्रसार को रोकने में निजी अस्पतालों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य ढांचे का अहम अंग हैं इसलिए उन्हें बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

61 प्रतिशत वयस्कों का पूर्ण टीकाकरण

बता दें कि टीकाकरण भी तेजी से चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 61 प्रतिशत वयस्क आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है यानी उन्हें कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज लगा दी गई है। वहीं, 89 प्रतिशत लोगों को अब तक टीके की पहली डोज मिल चुकी है। अब तक कुल 140 करोड़ से अधिक डोज लगाई गई हैं।

देश में ओमिक्रोन के 91 प्रतिशत संक्रमित पूर्ण टीकाकरण वाले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार सुबह तक देश में ओमिक्रोन के 358 मामले सामने आए थे। इनमें से 183 मामलों का विश्लेषण किया गया है। इसमें यह पाया गया है कि 121 लोगों ने हाल फिलहाल विदेश की यात्राएं की थीं जिनमें से 91 प्रतिशत यानी 87 संक्रमितों ने कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थी। यहां तक कि तीन संक्रमितों ने तो बूस्टर डोज भी लगवा ली थी, जिनमें से दो दिल्ली के और एक मुंबई से है। यह भी पाया गया कि 70 प्रतिशत संक्रमितों में कोई लक्षण नहीं था और 61 प्रतिशत पुरुष थे। 44 लोग विदेश से आए यात्रियों के संपर्क में आने की वजह से ओमिक्रोन से संक्रमित हुए थे।


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