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रिहाई के खिलाफ अपील को लंबित केस मानने पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

लुवांग ने मणिपुर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने कहा था कि आपराधिक मामले में रिहाई के खिलाफ अपील को लंबित मामला नहीं माना जाएगा और प्रत्याशी को नामांकन पत्र में उसका जिक्र करने की आवश्यकता नहीं होगी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 08:21 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 08:21 PM (IST)
रिहाई के खिलाफ अपील को लंबित केस मानने पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
भाजपा नेता ने मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में दी है चुनौती

नई दिल्ली, प्रेट्र। आपराधिक मामले में प्रत्याशी की रिहाई के खिलाफ अपील को लंबित मामला माना जा सकता है या नहीं, इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। साथ ही शीर्ष अदालत इस कानूनी पहलू पर भी गौर करेगी कि क्या ऐसे मामलों का चुनावी नामांकन पत्र में जिक्र नहीं करना, प्रत्याशी के निर्वाचन को रद करने का आधार हो सकता है?

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जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने भाजपा नेता निमाइचंद लुवांग की अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। भाजपा नेता ने 2017 के मणिपुर विधानसभा चुनाव में एंड्रो क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी थाउनाओजम श्याम कुमार के निर्वाचन को चुनौती दी है। पीठ ने श्याम कुमार और अन्य प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

लुवांग ने मणिपुर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने कहा था कि आपराधिक मामले में रिहाई के खिलाफ अपील को लंबित मामला नहीं माना जाएगा और प्रत्याशी को नामांकन पत्र में उसका जिक्र करने की आवश्यकता नहीं होगी।

भाजपा नेता ने शीर्ष अदालत के 2002 के एक फैसले का उल्लेख किया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रत्याशी को नामांकन पत्र में किसी आपराधिक मामले में सजा, रिहाई या आरोप मुक्त होने और किसी मामले में सजा या जुर्माना लगाए जाने का जिक्र करना होगा।


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