Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति के मौत के मामले में पीड़िता को 50,000 रुपये देने की अनुमति दी

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की लापरवाही से हुई थी व्यक्ति की मौत। जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने शुक्रवार को मृतक की पत्नी को 50000 रुपये का भुगतान करने की अनुमति दे दी। प्राधिकरण ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत शीर्ष न्यायालय के पास 50000 रुपये जमा किए थे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 08:04 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 08:04 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति के मौत के मामले में पीड़िता को 50,000 रुपये देने की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने मौत के एक मामले में सुनाया फैसला। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत होने के मामले में उसकी पत्नी को शीर्ष न्यायालय के 'वादी कोष' से 50,000 रुपये का भुगतान करने की अनुमति दी है।कोलकाता में 2012 में इस व्यक्ति को पास के एक अस्पताल में ले जाने में लापरवाही बरतने के चलते दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने शुक्रवार को मृतक की पत्नी को 50,000 रुपये का भुगतान करने की अनुमति दे दी। प्राधिकरण ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत शीर्ष न्यायालय के पास 50,000 रुपये जमा किए थे।

loksabha election banner

प्राधिकरण ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश के खिलाफ अपील दायर करते हुए एक प्रावधान के तहत यह रकम जमा कराई थी।आयोग ने अपने आदेश में प्राधिकरण के कर्मचारियों को रोगी को एक नजदीकी अस्पताल में पहुंचाने में लापरवाही बरतने का जिम्मेदार पाया था और एएआइ को मृतक की पत्नी को मुआवाजा के तौर पर 10 लाख रुपये अदा करने का निर्देश दिया था।इसके बाद, शीर्ष न्यायालय की एक पीठ ने भी 29 नवंबर, 2019 को एएआइ को शिकायत दायर करने की तारीख से नौ प्रतिशत ब्याज दर के साथ 10 लाख रुपये अदा करने का निर्देश दिया था। साथ ही उस पर 20,000 रुपये अदालत खर्च भी लगाया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.