सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति के मौत के मामले में पीड़िता को 50,000 रुपये देने की अनुमति दी
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की लापरवाही से हुई थी व्यक्ति की मौत। जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने शुक्रवार को मृतक की पत्नी को 50000 रुपये का भुगतान करने की अनुमति दे दी। प्राधिकरण ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत शीर्ष न्यायालय के पास 50000 रुपये जमा किए थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत होने के मामले में उसकी पत्नी को शीर्ष न्यायालय के 'वादी कोष' से 50,000 रुपये का भुगतान करने की अनुमति दी है।कोलकाता में 2012 में इस व्यक्ति को पास के एक अस्पताल में ले जाने में लापरवाही बरतने के चलते दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी। जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने शुक्रवार को मृतक की पत्नी को 50,000 रुपये का भुगतान करने की अनुमति दे दी। प्राधिकरण ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत शीर्ष न्यायालय के पास 50,000 रुपये जमा किए थे।
प्राधिकरण ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश के खिलाफ अपील दायर करते हुए एक प्रावधान के तहत यह रकम जमा कराई थी।आयोग ने अपने आदेश में प्राधिकरण के कर्मचारियों को रोगी को एक नजदीकी अस्पताल में पहुंचाने में लापरवाही बरतने का जिम्मेदार पाया था और एएआइ को मृतक की पत्नी को मुआवाजा के तौर पर 10 लाख रुपये अदा करने का निर्देश दिया था।इसके बाद, शीर्ष न्यायालय की एक पीठ ने भी 29 नवंबर, 2019 को एएआइ को शिकायत दायर करने की तारीख से नौ प्रतिशत ब्याज दर के साथ 10 लाख रुपये अदा करने का निर्देश दिया था। साथ ही उस पर 20,000 रुपये अदालत खर्च भी लगाया था।