सरकार नहीं बता पाई, कैसे खोजी सरस्वती ?
लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी की खोज को लेकर भारी भरकम दावे करने वाली हरियाणा सरकार इस संबंध में एक आरटीआइ का जवाब नहीं दे पाई। आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने पूछा था कि सरस्वती नदी की खोज का दावा किस आधार पर किया जा रहा है। करीब तीन महीने
चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो। लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी की खोज को लेकर भारी भरकम दावे करने वाली हरियाणा सरकार इस संबंध में एक आरटीआइ का जवाब नहीं दे पाई। आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने पूछा था कि सरस्वती नदी की खोज का दावा किस आधार पर किया जा रहा है। करीब तीन महीने के इंतजार के बाद भी कोई जवाब नहीं आया तो कूपर ने राज्य सूचना आयोग में दस्तक दी है।
सरकार ने नदी की खोज को लेकर 50 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। कपूर ने यमुनानगर (हरियाणा) जिला प्रशासन व सरकार से आरटीआइ के तहत प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां मांगी थीं। 84 दिन बीत जाने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया तो उन्होंने आयोग को शिकायत भेज दी है।
कपूर का आरोप है कि बिना किसी शोध व विशेषज्ञ की प्रामाणिक रिपोर्ट के हरियाणा सरकार व यमुनानगर जिला प्रशासन ने लुप्त सरस्वती नदी ढूंढ़ लेने को लेकर भारी भरकम दावे कर डाले। इन्हीं दावों की सच्चाई का पता लगाने के लिए आरटीआइ के तहत सूचना मांगी तो अफसर निरुत्तर हो गए।
कपूर के अनुसार मई में प्रदेश सरकार व यमुनानगर जिला प्रशासन ने लुप्त सरस्वती नदी को ढूंढ़ लेने के दावे किए थे। उन्होंने जून में मुख्य सचिव व यमुनानगर के उपायुक्त (डीसी) से आरटीआइ के तहत सूचनाएं मांगी। सरकार ने उनकी पहली अर्जी को नजरअंदाज कर दिया तो दूसरी तरफ यमुनानगर के डीसी ने आरटीआइ आवेदन व अपील जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को भेजकर अपना पल्ला झाड़ लिया।