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खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, 40 वेबसाइटें ब्लॉक

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय की सिफारिश पर सिख फॉर जस्टिस की 40 वेबसाइटों को आईटी एक्ट 2000 के तहत ब्‍लॉक करने का आदेश जारी किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 04:14 AM (IST)
खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, 40 वेबसाइटें ब्लॉक
खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, 40 वेबसाइटें ब्लॉक

नई दिल्ली, एजेंसियां प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक संगठन  'सिख फॉर जस्टिस' से जुड़ी 40 वेबसाइटों को सरकार ने ब्‍लॉक कर दिया है। गृह मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 के तहत प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) खालिस्‍तानी समर्थकों को पंजीकृत करने के लिए एक अभियान चला रखा था। इसे देखते हुए गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संगठन की 40 वेबसाइटों को आईटी एक्ट 2000 के तहत ब्‍लॉक करने का आदेश जारी किया।  

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पिछले साल किया गया था प्रतिबंधित 

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस ने अपने मकसद के लिए एक अभियान शुरू किया था। इसके तहत वह अपने समर्थकों का रजिस्ट्रेशन कर रहा था। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसकी 40 वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है। यह कार्रवाई आइटी अधिनियम, 2000 की धारा 69-ए के तहत की गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत में साइबर स्पेस की निगरानी के लिए नोडल प्राधिकरण है। पिछले साल गृह मंत्रालय ने एसएफजे पर उसकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। 

अलगाववादी एजेंडा चलाने का आरोप  

एसएफजे ने अपने अलगाववादी एजेंडे के हिस्से के रूप में सिख रेफरेंडम 2020 को आगे बढ़ाया। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह खुले तौर पर खालिस्तान का समर्थन करता है और इस प्रक्रिया में भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है। एक जुलाई को गृह मंत्रालय ने अलगाववादी खालिस्तानी संगठनों से जुड़े नौ लोगों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत नामित आतंकवादी घोषित किया था। गृह मंत्रालय ने कहा था कि ये नौ व्यक्ति पाकिस्तान और अन्य विदेशी धरती से काम करते हैं और आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में शामिल हैं।

पन्नू घोषित हो चुका है आतंकी 

इनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल का प्रमुख वाधवा सिंह बब्बर, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का प्रमुख लखबीर सिंह, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का प्रमुख रणजीत सिंह और खालिस्तान कमांडो फोर्स का नेतृत्व करने वाला परमजीत सिंह शामिल था। ये चारों पाकिस्तान में रहते हैं। केंद्र ने बीते एक जुलाई को गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकी घोषित कर दिया था। हाल ही में पन्नू के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने भी देशद्रोह के आरोप में केस दर्ज किया है। हरियाणा के गुरुग्राम में एसटीएफ ने राष्ट्रविरोधी और भड़काऊ टेली-कॉलिंग अभियान चलाने के आरोप में पन्नू के खिलाफ भोंडसी थाने में देशद्रोह का केस दर्ज कराया था।

हाईकोर्ट भी कार्रवाई पर संतुष्‍ट 

बीते दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भी सिख फॉर जस्टिस और इसके प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ की गई अब तक की कार्रवाई से संतुष्टि जताई थी। पंजाब सरकार ने बीते शुक्रवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट को जानकारी दी कि संगठन से जुड़े 116 वाट्सएप ग्रुप पर प्रतिबंध के अलावा पुलिस इस प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन के खिलाफ 16 एफआइआर दर्ज कर चुकी है।

देश विरोधी गतिविधियों पर एजेंसियां चौकस

विदेश में बैठे गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से रेफरेंडम-2020 के तहत खालिस्तान की मांग की जा रही है। इसे देखते हुए एजेंसियां चौकस हो गई हैं। यही नहीं सोशल नेटवर्किग साइटों पर भी नजर रखी जा रही है। पुलिस भी अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। बीते शुक्रवार को संगठन के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथी जोगिंदर सिंह गुज्जर को पुलिस ने गांव अकाला (कपूरथला) से गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने उन लोगों की सूची तैयार की है जो खालिस्तान समर्थक हैं। सुरक्षा एजेंसियां इन लोगों पर नजर रख रही हैं। 


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