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श्रद्धालु अमरनाथ में शिवलिंग के सामने लगा सकेंगे जयकारा

सुप्रीम कोर्ट ने पवित्र शिवलिंग के सामने शांत रहने और वहां बाहर का प्रसाद न ले जाने का एनजीटी का आदेश रद किया। वैष्णों देवी मार्ग से घोड़े खच्चर न हटाने पर 50 लाख जुर्माने के आदेश पर भी रोक लगाई।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 17 Apr 2018 06:41 AM (IST)
श्रद्धालु अमरनाथ में शिवलिंग के सामने लगा सकेंगे जयकारा
श्रद्धालु अमरनाथ में शिवलिंग के सामने लगा सकेंगे जयकारा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। वे कठिन यात्रा पूरी कर पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन के दौरान जयकारे लगा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पवित्र शिवलिंग के समक्ष शांत रहने और बाहर का प्रसाद न ले जाने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) का आदेश रद कर दिया है। इतना ही नहीं वैष्णों देवी मार्ग से घोड़े खच्चर हटाने की नीति न पेश करने पर एनजीटी द्वारा जम्मू कश्मीर सरकार लगाए गए 50 लाख के जुर्माने के आदेश पर भी रोक लगा दी है।

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ये आदेश न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद जारी किये। कोर्ट ने कहा कि एनजीटी के समक्ष अमरनाथ का मामला नहीं था और उसने आदेश दे दिया जो कि ठीक नहीं है। हालांकि कोर्ट ने वैष्णों देवी मार्ग के बारे में याचिकाकर्ता गौरी मौलेखी से कहा कि वे अमरनाथ गुफा के आसपास प्रदूषण के बारे मे अलग से एक समुचित याचिका चाहें तो दाखिल कर सकती हैं।

इससे पहले अमरनाथ गुफा में शांति बनाए रखने और प्रसाद आदि न ले जाने के एनजीटी के आदेश का विरोध करते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये कैसा आदेश है कि कोई वहां जाएगा तो जयकारा नहीं लगाएगा। प्रसाद नहीं ले जाएगा। सुनवाई के दौरान पीठ ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड के वकील से पूछा कि जो लोग चढ़ाई नही चढ़ पाते उन्हें हेलीकाप्टर से क्यों नहीं गुफा तक छोड़ा जाता इस पर वकील ने कहा कि 1000 लोगों को हेलीकाप्टर से गुफा से चार किलोमीटर पहले छोड़ा जा सकता है लेकिन बाकी की यात्रा उन्हें पैदल ही करनी पड़ती है। उधर रोहतगी का कहना था कि अमरनाथ में रोजाना करीब 15000 यात्री पवित्र गुफा के दर्शन करते हैं ऐसे में एनजीटी का ये आदेश ठीक नहीं है।

इसके अलावा जम्मू कश्मीर राज्य सरकार और वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड ने वैष्णों देवी के लिए वैकल्पिक मार्ग खोलने और पुराने रास्ते से घोड़ी खच्चर आदि हटाने के एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। एनजीटी ने पुराने मार्ग से घोड़े खच्चर हटाने की नीति न बनाए जाने पर गत 22 मार्च को राज्य सरकार पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के जुर्माने के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार को कैबिनेट के समक्ष नीति पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दे दिया है।

उधर श्राइन बोर्ड ने वैष्णों देवी में तीर्थ यात्रियों की संख्या सीमित करने और 24 नवंबर तक वैकल्पिक मार्ग चालू करने के एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर विचार करते हुए कोर्ट ने पिछले साल ही एनजीटी के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी।


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