असम में आदिवासी उग्रवाद का युग हुआ खत्म, टीएलए और यूजीपीओ संगठनों ने किया आत्मसमर्पण
असम में आज दो उग्रवादी संगठनों (टीएलए और यूजीपीओ) ने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया और हथियार डाल दिए। इसके साथ ही हर आदिवासी समूह मुख्यधारा से जुड़ गया है। ये जंगल में अंतिम उग्रवादी थे। अब असम में आदिवासी उग्रवाद का युग आखिरकार खत्म हो गया है।
गुवाहाटी, एएनआइ। असम में आज दो उग्रवादी संगठनों (टीएलए और यूजीपीओ) ने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया और हथियार डाल दिए। इसके साथ ही हर आदिवासी समूह मुख्यधारा से जुड़ गया है। ये जंगल में अंतिम उग्रवादी थे। अब असम में आदिवासी उग्रवाद का युग आखिरकार खत्म हो गया है। यह बात गुरुवार को राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने पत्रकारों से कही है।
Today, two militant outfits namely TLA & UGPO formally surrendered and laid down arms. With this, each and every tribal group has joined the mainstream. These were the last troops in the jungle. The era of tribal militancy is finally over in Assam: CM Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/bsRLyYO4FH— ANI (@ANI) January 27, 2022
गुवाहाटी में असम के मुख्यमंत्री के काफिले को घटाया गया
वहीं, दूसरी ओर असम मंत्रिमंडल ने गुरुवार को सीएम के काफिले में शामिल कारों को कम कर दिया है। गुवाहाटी महानगर क्षेत्र के भीतर यात्रा करते समय मुख्यमंत्री के काफिले में कारों की संख्या को छह तक कम करने का फैसला किया गया है। अन्य क्षेत्रों या जिलों में यात्रा करते समय मुख्यमंत्री के काफिले में एस्कार्ट और पायलट कारों को छोड़कर 12 कारें शामिल होंगी।
मुख्यमंत्री की सड़क यात्रा के दौरान यातायात पहले से बाधित नहीं होगा और यदि आवश्यक हो, तो दो मिनट से अधिक की अवधि के लिए रोका जा सकता है।
अन्य अहम फैसलों में यह तय किया गया कि एंबुलेंस की आवाजाही को मुख्यमंत्री की गाड़ी के काफिले पर वरीयता दी जाएगी और इसे रोका नहीं जाएगा। जिला निर्माण की अधिसूचना की तिथि को स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ सभी जिलों द्वारा जिला दिवस मनाने का भी निर्णय लिया गया है।
सीएम के काफिले को लेकर असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि सार्वजनिक असुविधा को समाप्त करने के लिए हमने असम मंत्रिमंडल में सीएम की यात्रा के दौरान सीएम के काफिले के आकार को कम करने और लंबे समय तक यातायात न रोकने का फैसला किया है।