करोड़ों की बिजली उत्पादन पर लगी मुहर
बीएचयू के मुख्य परिसर सहित राजीव गांधी साउथ कैंपस, बरकछा में सौर ऊर्जा के माध्यम से करोड़ों रुपये की बिजली उत्पादन को लेकर सेकी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी के ग्रीन एनर्जी व पर्यावरण प्रदूषण मुक्त भारत के विजन को शुक्रवार को पंख लग गया। बीएचयू के मुख्य परिसर सहित राजीव गांधी साउथ कैंपस, बरकछा में सौर ऊर्जा के माध्यम से करोड़ों रुपये की बिजली उत्पादन को लेकर सेकी (सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। इसके तहत विश्र्वविद्यालय अपना खुद का ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर सिस्टम बनाएगा ताकि यहां पर खपत के बाद बची बिजली को बेचा जा सके। इस प्रोजेक्ट में करीब 450 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
वीसी जीसी त्रिपाठी के नेतृत्व में बनी योजना
कुलपति प्रो.जीसी त्रिपाठी के नेतृत्व में बनी योजना के अनुसार रूफ टॉप सोलर पावर व ओपेन लैंड बेस के तहत नवीनीकृत ऊर्जा मंत्रालय के सानिध्य में सेकी मेन कैंपस में 15 और साउथ कैंपस में 50 मेगावाट बिजली पैदा करेगा। बीएचयू में जहां सोलर पावर सिस्टम छतों पर रहेगा वहीं बरकछा में करीब 250 एकड़ खुली जमीन में। मुख्य कैंपस में करीब 105 करोड़ तो साउथ कैंपस में 350 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें चेयरमैन विद्युत अभियांत्रिकी विभाग, आइआइटी, बीएचयू के प्रो. आरके पांडेय हैं।
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इसके अलावा इसमें बीएचयू के सलाहकार डा. एके सेठ, इलेक्टि्रक वाटर सप्लाई सर्विसेज के सहायक अभियंता रूपेश श्रीवास्तव, सेकी के प्रबंध निदेशक डा. अश्रि्वनी कुमार, पावर सिस्टम के निदेशक राकेश कुमार, एजीएम आरके जैन के अलावा इलेक्टि्रक वाटर सप्लाई सर्विसेज, बीएचयू के ही एक एसई शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बीएचयू परिसर में प्रति वर्ष करीब 60 करोड़ रुपये बिजली पर खर्च होता है। यहां पर लगभग 18 मेगावाट की खपत होती है।