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नीति आयोग के चेयरमैन बोले- जून से सुधरने लगेगी देश की अर्थव्यवस्था की हालत, जुलाई से पकड़ेगी रफ्तार

नीति आयोग के चेयरमैन राजीव कुमार ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई अहम बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है लेकिन इसको लेकर सरकार ने कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि देश का जीएसटी संग्रह(कलेक्शन) बढ़ गया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 12:55 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 01:05 PM (IST)
नीति आयोग के चेयरमैन बोले- जून से सुधरने लगेगी देश की अर्थव्यवस्था की हालत, जुलाई से पकड़ेगी रफ्तार
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बोले नीति आयोग के चेयरमैन।(फोटो: एएनआइ)

नई दिल्ली, एएनआइ। नीति आयोग के चेयरमैन राजीव कुमार ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर एक राहत भरी बात कही है। नीति आयोग के चेयरमैन राजीव कुमार के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था की हालत जून महीने से सुधरने लगेगी और जुलाई से अर्थव्यवस्था अपनी रफ्तार पकड़ लेगी। नीति आयोग के चेयरमैन राजीव कुमार ने ये बातें समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कही है। उन्होंने कहा है कि मुद्रास्फीति(महंगाई) सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है और मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि सरकार ने मुद्रास्फीति प्रबंधन के लिए आरबीआई को खुली छूट दे दी है। आरबीआई सतर्क है, इसलिए मुझे महंगाई की कोई समस्या नहीं दिखती।

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उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी, इसका थोड़ा असर होगा। कोविड-19 ने सरकार को अधिक निवेश करने, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च करने के लिए मजबूर किया है लेकिन इसका अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि हमारा जीएसटी संग्रह(कलेक्शन) बढ़ गया है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के बारे में केंद्र को कुछ करना चाहिए, लेकिन हमें संतुलन की भी जरूरत है। महंगाई पर नियंत्रण की जिम्मेदारी सरकार की, उम्मीद है कि जिन पर यह जिम्मेदारी होगी वे संतुलन बनाएंगे।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने एएनआइ से कहा- COVID-19 की दूसरी लहर ने लोगों को डरा दिया है। जैसे ही लोगों का टीकाकरण होगा, यह डर दूर हो जाएगा और लोग खर्च करने के लिए बाहर निकलने लगेंगे। उन्होंने कहा कि हम विनिर्माण और निर्यात में प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के ठीक होने के बाद हम उनके विकास अनुमानों को संशोधित करेंगे। उन्होंने अनुमान जताया कि जून से अर्थव्यवस्था में सुधार शुरू हो जाएगा और जुलाई से ये रफ्तार पकड़ लेगी।

उन्होंने साथ ही कहा कि दूसरी लहर के प्रभाव के कारण आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी विकास अनुमान को १०.५% से घटाकर ९.५% कर दिया, जो पहली तिमाही में हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला है। पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था उम्मीद से कम सुधरेगी। FY22 में हमारी अर्थव्यवस्था 10%-10.5% की गति से बढ़ेगी।


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