नई दिल्ली, अरविंद पांडेय। सरकार ने पिछले बजट में शिक्षा के क्षेत्र को मजबूती देने के लिए करीब सात हजार करो़ड़ की अतिरिक्त राशि और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जैसे संस्थानों को खोलने की घोषषणा कर अपनी मंशा जता दी थी। इस बार बजट में उसे पंख लगाने की कोशिश होगी। देश में ट्रिपल आईटी जैसे कुछ और उच्च शिक्षण संस्थानों को खोले जाने की संभावना है ताकि उच्च शिक्षा में मौजूद क्षेत्रीय विषमताओं को खत्म किया जा सके।
संभव है कि शिक्षा मंत्रालय के बजट में 15 फीसदी तक बढ़ोतरी हो। शिक्षा में सुधार को लेकर उठाए जा रहे कदमों को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में राज्यों के साथ होने वाली कैब (सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन) की बैठक में भी चर्चा की है। ज्यादातर राज्यों ने इसे लेकर दिलचस्पी दिखाई है।
उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने, नए शोध पार्को की स्थापना, स्कूली शिक्षकों को वषर्ष 2019 तक प्रशिक्षण देने जैसी अहम योजनाएं सरकार की प्राथमिकता में हैं। सर्व शिक्षा अभियान से आगे बढ़कर सबको अच्छी शिक्षा प्रदान करने जैसी मुहिम अब आगे हैं। शिक्षण संस्थानों के बुनियादी ढांचे को मजूबत बनाने की कोशिश चल रही है। निश्चित ही इसके लिए काफी पैसा चाहिए, इसके लिए बजट में एक ब़़डी राशि मांगी गई है। इस दौरान सरकार की ओर से शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के दायरे को बढ़ाने का बड़ा एलान हो सकता है। इसे अब बढ़ाकर 12वीं तक किया जा सकता है। अभी तक इसके दायरे में पहली से आठवीं तक की शिक्षा को रखा गया है। राज्यों के साथ इसे लेकर काफी चर्चा हो चुकी है।
प्रस्ताव है कि आरटीई के दायरे में ही माध्यमिक शिक्षा अभियान और सर्व शिक्षा अभियान को भी शामिल किया जाए। अभी यह दोनों योजनाएं अलग से संचालित हो रही हैं। उच्च शिक्षा के लिए दिए जाने वाले शिक्षा ऋण में भी सरकार राहत की कुछ घोषषणा कर सकती है। शिक्षा ऋण के ब़़ढते एनपीए को देखते हुए युवाओं को पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार के संकट से उबारने के लिए यह कदम उठा सकती है।
यह भी पढ़ें: छात्रों ने गणतंत्र दिवस पर ली शपथ, ऑनलाइन परीक्षा बंद होने तक भाजपा को वोट नहीं
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
1952 से 2019 तक इन राज्यों के विधानसभा चुनाव की हर जानकारी के लिए क्लिक करें।