सुरक्षाबलों के 'स्वीट एप्पल बाइट' से कांपने लगे आतंकी, अकेले शोपियां में 13 दिन में 22 ढेर
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन स्वीट एप्पल बाइट अब अपना असर दिखाने लगा है। आतंकी अब अपनी जान बचाते फिर रहे हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...
श्रीनगर, जेएनएन। सुरक्षाबलों का ऑपरेशन 'स्वीट एप्पल बाइट' अब अपना असर दिखाने लगा है। दक्षिण कश्मीर का शोपियां जहां दिनदहाड़े आतंकी किसी भी जगह घूमते हुए किसी भी ग्रामीण को सुरक्षाबलों का मुखबिर बता पीट देते या गोली मार देते थे। वहीं, आज वह अपनी जान बचाने के लिए छिपते फिर रहे हैं। बीते 14 दिनों में सुरक्षाबलों ने शोपियां के विभिन्न हिस्सों में 26 आतंकियों को मार गिराया है। पांच आतंकी शुक्रवार को मारे गए।
कारगर काम कर रहा ऑपरेशन 'स्वीट एप्पल बाइट'
बताया जाता है कि वर्ष 2016 में आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में शुरू हुए आतंकी हिंसा के नए दौर का केंद्र पुलवामा और जिला शोपियां हैं। शोपियां जिले से बीते तीन सालों में करीब 85 लड़कों ने आतंकवाद का रास्ता चुना। इनमें से कुछ सुरक्षाबलों और परिजनों के प्रयासों से वापस मुख्यधारा में लौट आए और करीब 12 लड़कों को पुलिस ने आतंकी बनने के चंद दिनों बाद ही पकड़ लिया। अब सुरक्षाबलों का ऑपरेशन 'स्वीट एप्पल बाइट' कारगर काम कर रहा है।
सभी पुराने आतंकी कमांडर ढेर
शोपियां में तैनात एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि सात जून को रेबन शोपियां में हुई मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए थे। इसके अगले ही दिन पिजौरा में चार आतंकी और मारे गए। इसके बाद 10 जून को पांच आतंकी और मारे गए। दो अन्य मुठभेड़ों में तीन और गत गुरुवार की शाम से शुक्रवार की सुबह तक इमाम साहब इलाके में चली मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए हैं। यही नहीं हिजबुल मुजाहिदीन के जुबैर वानी सरीखे लगभग सभी पुराने आतंकी कमांडर मारे जा चुके हैं।
छिपते फिर रहे आतंकी
सैन्य अधिकारी ने बताया कि इस समय शोपियां में चंद पुराने आतंकी रह गए हैं जो अब अपनी जान बचाने लिए वादी के अन्य जिलों में छिपने के लिए भाग रहे हैं। सेना के अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए ही दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन 'स्वीट एप्पल बाइट' चलाया जा रहा है। यह अभियान आतंकरोधी अभियान का ही हिस्सा है। यह ऑपरेशन ऑल आउट के तहत जारी जैकबूट के अगले चरण 'स्वीट एप्पल बाइट' का नतीजा है।
43 मुठभेड़ों में करीब 110 ढेर
आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान में जन सहयोग और जन संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। ग्राउंड नेटवर्क और ह्यूमन इंटेलीजेंस को मजबूत बनाया गया है जो आतंकियों के लिए घातक साबित हो रहा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस साल अब तक 43 मुठभेड़ों में करीब 110 आतंकी मारे जा चुके हैं। श्रीनगर स्थित सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि अब शोपियां में आतंकियों को समर्थन नहीं मिल रहा है।
स्थानीय लोगों ने खोला मोर्चा
आतंकियों के खिलाफ अब स्थानीय लोग अब खुलकर आवाज उठा रहे हैं और सुरक्षाबलों की मदद कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि हमने कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने के अपने अभियान को गति दे रखी है। इसमें मिल रही सफलता विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच व्यापक तालमेल और स्थानीय लोगों के सहयोग का ही नतीजा है। जल्द ही हम यहां स्थायी शांति बहाली के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।