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देशभर में बनेंगे 10 हजार किसान उत्पादक संगठन, योजना पर कुल साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का प्रावधान

मंत्रिमंडल के फैसले के जानकारी देने आये केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि योजना को आगे वर्ष 2024-25 से 2027-28 तक चलाने का फैसला किया गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:54 PM (IST)
देशभर में बनेंगे 10 हजार किसान उत्पादक संगठन, योजना पर कुल साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का प्रावधान
देशभर में बनेंगे 10 हजार किसान उत्पादक संगठन, योजना पर कुल साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का प्रावधान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। छोटे किसानों को संगठित कर खेती करने के लिए सरकार ने देशभर में 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। योजना पर कुल साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके लिए तीन साल की अवधि मुकर्रर की गई है।

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सरकारी एजेंसियों की भूमिका अहम

मंत्रिमंडल के फैसले के जानकारी देने आये केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि योजना को आगे वर्ष 2024-25 से 2027-28 तक चलाने का फैसला किया गया है। इसके दूसरे चरण के लिए 2370 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। यानी इस योजना पर कुल 6866 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें एसएफएसी, नाबार्ड और एनसीडीसी जैसी सरकारी एजेंसियां अहम भूमिका निभायेंगी। योजना में एक जिला एक उपज समेत कई और स्कीमें चालू की जाएंगी।

प्रत्येक ब्लाक में रहेंगे कम से कम दो एफपीओ

एक एफपीओ में शामिल किसानों की संख्या मैदानी क्षेत्रों में 300 और पहाड़ी राज्यों में एक सौ होगी। इन संगठनों को कई तरह की वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी। तोमर ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रत्येक ब्लाक में कम से कम दो एफपीओ गठित किये जाएंगे। कृषि मंत्री ने बताया कि देश के चिन्हित 115 आकांक्षी जिलों को उच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें कुल 1500 एफपीओ गठित किये जाएंगे। इनके लिए नाबार्ड 1000 करोड़ और एनसीडीसी 500 करोड़ रुपये का क्रेडिट फंड उपलब्ध करायेंगे। यह योजना आदिवासी जिलों में प्रमुखता से चलाई जाएगी, जहां वनोपज के लिए एफपीओ काफी कारगर साबित हो सकता है।


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