जम्मू व चंडीगढ़ में शून्य के करीब पहुंचा पारा, अभी और सताएगी सर्दी
सर्दी अभी और सताएगी। पश्चिमी हवाएं अगर भटकी नहीं तो गुरुवार के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और बर्फ के आसार हैं। नतीजतन मैदानी इलाकों में भी ठिठुरन और बढ़ेगी। रविवार को भी कड़ाके की ठंड पूरे उत्तर भारत को अपनी चपेट में लिए रही।
जेएनएन, नई दिल्ली। सर्दी अभी और सताएगी। पश्चिमी हवाएं अगर भटकी नहीं तो गुरुवार के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और बर्फ के आसार हैं। नतीजतन मैदानी इलाकों में भी ठिठुरन और बढ़ेगी। रविवार को भी कड़ाके की ठंड पूरे उत्तर भारत को अपनी चपेट में लिए रही। आलम यह रहा कि चंडीगढ़ और जम्मू में पारा शून्य के करीब पहुंच गया।
राजधानी दिल्ली रविवार को सुबह घने कोहरे में घिरी रही। सुबह 8.30 बजे न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। सोमवार को तापमान में कुछ गिरावट के आसार हैं। पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में जबरदस्त ठंड और कोहरे के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। पंजाब में अमृतसर और हरियाणा में करनाल सबसे ज्यादा सर्द रहे।
जम्मू में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री के करीब पहुंच गया है। इससे जम्मू कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है। वहीं श्रीनगर में धूप जरूर निकल रही है, लेकिन बर्फीली हवाओं के कारण ठंड से कोई राहत नहीं मिल रही है। हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड के साथ मौसम शुष्क रहा।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी पाकिस्तान से पश्चिमी हवाओं ने हिमाचल की ओर रुख किया था। इनके 26 जनवरी तक पर्वतीय राज्यों में प्रवेश की संभावना थी। लेकिन हवाओं ने अपना रुख बदल लिया। ये हवाएं 28 जनवरी से अपना असर दिखाएंगी। उसके बाद चार दिनों तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
50 ट्रेनें रद, हवाई यातायात भी प्रभावित
घने कोहरे के कारण राजधानी दिल्ली में यातायात सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। कई क्षेत्रों में दृश्यता 50 मीटर से भी कम हो गई थी। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि दिल्ली की 50 ट्रेनें रविवार को रद करनी पड़ीं। इनमें राजधानी और शताब्दी जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें शामिल रहीं। 20 ट्रेनें विलंब से चलीं।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया की दो और स्पाइस जेट की एक उड़ान के मार्ग में परिवर्तन किया गया। ये उड़ानें विमानों के कैट-3 बी युक्त न होने के कारण परिवर्तित करनी पड़ीं। कैट-3 बी युक्त विमान 50 मीटर तक की दृश्यता पर भी लैंडिंग करने में सक्षम होते हैं।