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कृष्णा और गोदावरी जल साझेदारी से संबंधित मामला वापस लेगा तेलंगाना

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में एक शीर्ष परिषद का गठन किया गया था। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री इसके सदस्य हैं। तेलंगाना समकक्ष के. चंद्रशेखर राव ने बैठक में वर्चुअली भाग लिया।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 07:45 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 07:45 AM (IST)
कृष्णा और गोदावरी जल साझेदारी से संबंधित मामला वापस लेगा तेलंगाना
कृष्णा और गोदावरी नदी जल साझेदारी से संबंधित मामला।

नई दिल्ली, प्रेट्र। तेलंगाना सुप्रीम कोर्ट में कृष्णा और गोदावरी नदी जल साझेदारी से संबंधित मामला वापस लेने के लिए तैयार हो गया है। इससे केंद्र इस मुद्दे को ट्रिब्यूनल को भेज सकेगा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को यह जानकारी दी।आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों के साथ शीर्ष परिषद की दूसरी बैठक के बारे शेखावत ने कहा कि कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड को आंध्र प्रदेश स्थानांतरित करने पर भी सहमति बनी है।

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आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में एक शीर्ष परिषद का गठन किया गया था। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री इसके सदस्य हैं। शीर्ष परिषद की पहली बैठक 2016 में हुई थी।आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आए जबकि उनके तेलंगाना समकक्ष के. चंद्रशेखर राव ने बैठक में वर्चुअली भाग लिया। शेखावत ने कहा कि बैठक अत्यंत सकारात्मक रही।

SC ने केंद्र को गल्फ तेलंगाना वेलफेयर एंड कल्चरल एसोसिएशन मामले पर प्रतिक्रिया देने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस भेजा है। नोटिस में उन्होंने गल्फ तेलंगाना वेलफेयर एंड कल्चरल एसोसिएशन (Gulf Telangana Welfare & Cultural Association) की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष पथकुरी बसंत रेड्डी द्वारा दायर याचिका पर प्रतिक्रिया देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिए हैं। रेड्डी ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह केंद्र को गल्फ में भारतीय श्रमिकों, को वापस आने के आदेश दें। 

खाड़ी देशों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने की याचिका पर केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने खाड़ी के देशों में फंसे भारतीय श्रमिकों को वापस लाने के लिए दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को केंद्र, सीबीआइ और 12 राज्यों को नोटिस जारी किए। इन श्रमिकों के पासपोर्ट खो गए हैं। याचिका में श्रमिकों के कल्याण के लिए बनायी गई नीतियों को लागू करने का अनुरोध किया गया है।


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