Move to Jagran APP

जकिया जाफरी के नाम पर 2002 दंगा मामले को जिंदा रखना चाहती हैं तीस्ता सीतलवाड़, गुजरात सरकार ने SC में कहा

गुजरात सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जकिया जाफरी के नाम पर सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ 2002 के दंगा मामले को जिंदा रखना चाहती हैं। यह न्याय का उपहास होगा और शीर्ष अदालत को ऐसी याचिकाओं को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 10:04 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 10:04 PM (IST)
गुजरात सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा

नई दिल्ली, प्रेट्र। गुजरात सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जकिया जाफरी के नाम पर सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ 2002 के दंगा मामले को जिंदा रखना चाहती हैं। यह न्याय का उपहास होगा और शीर्ष अदालत को ऐसी याचिकाओं को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। जकिया जाफरी कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी हैं जिनकी 28 फरवरी, 2002 को दंगे के दौरान अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में हत्या कर दी गई थी।

loksabha election banner

एहसान जाफरी हत्या मामले में आरोपितों को एसआइटी की क्लीन चिट को दी गई है चुनौती

इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 64 लोगों को क्लीन चिट दे दी है, जिसे जकिया जाफरी ने चुनौती दी है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष गुजरात सरकार की तरफ से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चूंकि याचिका में जकिया जाफरी के साथ सीतलवाड़ याचिकाकर्ता नंबर दो हैं, इसलिए यह कार्यवाही को 'प्रक्रिया का दुरुपयोग' बनाता है। पीठ ने जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार भी शामिल थे।

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, न्याय का उपहास उड़ाने वाली याचिकाओं को न मिले बढ़ावा

मेहता ने कहा कि यह किसी का मामला नहीं है कि 2002 के दंगों में दोषियों को सजा नहीं मिली है क्योंकि सुनवाई हुई है और साक्ष्यों के आधार पर आरोपितों को या तो दोषी ठहराया गया है या बरी कर दिया गया है। मेहता ने कहा कि जकिया के नाम पर याचिकाकर्ता नंबर दो सीतलवाड़ यह कहकर इस मामले को बनाए रखना चाहती हैं और इसमें कुछ करो, जांच को निर्देशित करो या कुछ और निर्देश दो। वह सम्मान के साथ यह कहना चाहते हैं कि यह न्याय का उपहास है। याचिका में कहा गया है कि गोधरा में ट्रेन जलाने के बाद भड़के दंगे को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.