Teacher's Day: सुपर-30 की तर्ज पर आयकर अफसर दे रहे मुफ्त कोचिंग, सैकड़ों युवाओं को बनाया काबिल
रायपुर में एक आयकर अधिकारी ने बेहद ही खास मिसाल पेश की है। अपनी नौकरी के साथ-साथ वे शहर के कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं को दो दशक से मुफ्त में कोचिंग दे रहे हैं।
संदीप तिवारी, रायपुर। बिहार की सुपर-30 अगर इंजीरियरिंग कोचिंग के लिए प्रसिद्ध है तो रायपुर की युवा संस्था भी अफसरों की फैक्ट्री बनती जा रही है। आज हर युवक की इच्छा है कि वह बेहतर पढ़ाई करके आइएएस, आइपीएस डॉक्टर या इंजीनियर बने। लोग आर्थिक स्थिति या अन्य कारणों से अपना सपना पूरा नहीं कर पाते। एक शख्स हैं एम. राजीव, जो कि राजधानी के केंद्रीय उत्पाद एवं कस्टम शुल्क विभाग( आयकर विभाग) में अधीक्षक के पद पर पदस्थ हैं। अपनी नौकरी के साथ-साथ वे शहर के कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं को दो दशक से मुफ्त में कोचिंग दे रहे हैं।
दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए दिल जान से आत्मसमर्पित होने का जज्बा कुछ ही लोगों में होता है। उनमें से एक हैं मार्गदर्शक और युवाओं के शिक्षक एम राजीव। आयकर विभाग में सरकारी नौकरी संभालने के साथ-साथ दूसरों के लिए शिक्षक बनकर उन्होंने करोड़ों लोगों के लिए मिसाल पेश की है। इस कोचिंग संस्थान में न तो छात्रों की संख्या का कोई बंधन है और न ही कोई फीस ली जाती है। छात्र जब तक चाहे तब तक पढ़ सकते हैं। छात्रों की योग्यता परखकर चयन किया जाता है।
पिछले कई सालों से राजीव ही युवाओं के गुरुजी बनकर उनका भविष्य संवार रहे हैं। इस कोचिंग में शामिल होने के लिए हर साल छात्रों की संख्या बढ़ रही है। अभी 50 से अधिक युवा कोचिंग का फायदा उठा रहे हैं। एम राजीव कहते हैं कि युवाओं को सही दिशा देने के उन्हें बेहतर पढ़ाई करवाने के लिए मार्गदर्शक की जरूरत है। मैंने खुद महसूस किया कि आर्थिक स्थिति खराब होने से होनहार युवा भी बिछड़ जाते हैं, इसलिए मैंने अपने जीवन के अहम समय में युवाओं को भी जगह दी।
अपने घर से की थी शुरुआत
छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद राज्य में प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोई बेहतर कोचिंग नहीं थी। साल 2001 में एम राजीव ने सोचा कि अब तो मुझे नौकरी मिल गई है, क्यों ना दूसरे युवाओं के लिए कुछ किया जाए। शिक्षा से अलावा दूसरे विभाग में पदस्थ होने के कारण उन्हें युवाओं से संपर्क करने में पहले मशक्कत करनी पड़ी । फिर राजधानी के टिकरापारा में अपने घर पर एक विद्यार्थी के साथ अपनी मुफ्त कोचिंग की पहल शुरू की। अभी तक ढाई सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने एम राजीव जैसे मार्गदर्शक गुरुजी से पढ़कर कर्मचारी चयन आयोग, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, बैंकिंग, रेलवे समेत विभिन्न विभागों की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता अर्जित की है।
आयकर विभाग के अधिकारी होने के कारण पठन- पाठन कार्य के लिए उन्हें सुबह-शाम ही समय मिल पाता है। दिनभर आयकर चोरों पर नजर और सुबह-शाम शाम युवाओं के लिए बिना किसी स्वार्थ के पठन-पाठन कार्य यह उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया। युवाओं की मदद कर रहे एम राजीव की पहल से प्रभावित होकर हाई स्कूल कालीबाड़ी बंगाली समाज ने उन्हें अपना एक कमरा मुफ्त में दे दिया इसके बाद यह कक्षा वहीं लगने लगी। इस कोचिंग में कोई छुट्टी नहीं दी जाती है।
जो अफसर बनकर निकले वह भी पढ़ाने में दे रहे सहयोग
दो दशक पहले जब इस मुफ्त कोचिंग की शुरुआत हुई थी तब इसका कोई नाम नहीं था ना ही कोई बोर्ड था। इस कोचिंग से सफल होकर निकलने वाले युवाओं ने सबसे पहले तो अपनी शिक्षा की गुरु दक्षिणा के रूप में एम राजीव की कोचिंग में स्वयं भी नि:शुल्क पढ़ाकर अपना फर्ज निभाना शुरू किया। फिर इसके बाद यहां पढ़ रहे युवाओं को एक पहचान देने के लिए इस संस्था का नाम 'युवा' रखा। अब इस संस्था के लिए यहां से निकलने वाले युवाओं ने किराए पर एक भवन भी दिलवा दिया है जहां पर बेहतर तरीके से कोचिंग हो रही है।
सफल युवाओं ने कहा- जीवन के सच्चे गुरु
मार्गदर्शक और शिक्षक राजीव से पढ़कर जिला सहकारी बैंक जगदलपुर में ब्रांच मैनेजर के पद पर मौजूद सुश्री रानू शुक्ला कहती हैं कि जब मैं रायपुर गई थी तो 9 महीने पैसे देकर एक दूसरी संस्था में पढ़ रही थी। मेरा बेसिक भी तैयार नहीं हो पाया था। तभी एक दोस्त ने बताया राजीव सर की मुफ्त कोचिंग में बेहतर पढ़ाई होती है। पहले मैंने सोचा कि पैसे देने पर बेहतर पढ़ाई नहीं हो पाई अब मुफ्त कोचिंग में क्या पढ़ लूंगी, लेकिन मेरी सोच गलत निकली। यहां राजीव सर ने जो मुझे पढ़ाया वह मेरे जीवन का सबसे अमूल्य समय बन गया। अब इस संस्था में सहयोग देने के लिए हमेशा तत्पर रहती हूं।
इंडियन ओवरसीज बैंक, भोपाल के मैनेजर रोहित शिवहरे ने कहा कि मेरी स्थिति ऐसी नहीं थी कि फीस भरकर परीक्षा की तैयारी कर सकूं। राजीव राव सर वाकई एक श्रेष्ठ गुरु जी की भूमिका में हैं जिन्होंने मेरे जीवन को संवार दिया। नया रायपुर मंत्रालय में सांख्यिकी अधिकारी के रूप में पदस्थ सुश्री सावित्री साहू कहती हैं कि राजीव सर हमारे जीवन के गुरु हैं जो जीवन को बेहतर संवारने में मदद की।
ऐसे जागी समाज सेवा की इच्छा
एम राजीव मूलतः आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। उनका सपना था कि वह आइएएस बने, लेकिन घर की हालत ठीक नहीं होने के कारण वह सपना पूरा नहीं कर पाए। दो दशक पहले एम राजीव ने ठाना कि वे जरूरतमंद युवाओं को पढ़ाएंगे और उनके सपने को पूरा करेंगे। इसके बाद उन्होंने कॉलेज के होनहार युवाओं को परख कर उन्हें मुफ्त कोचिंग देना शुरू कर दी। पिछले 15 साल के भीतर कई युवा डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, फूड इंस्पेक्टर, सांख्यिकी अधिकारी, बैंक ऑफिसर समेत अन्य कई पदों पर पहुंच गए।