महिला नक्सली कमांडर के नेतृत्व में हुई तेदेपा नेताओं की हत्या
हमले की साजिश आंध्र-ओडि़शा बॉर्डर कमेटी के सचिव रामकृष्ण ने अपने सलाहकारों के साथ बैठकर तैयार की थी।
विशाखापत्तनम, प्रेट्र। नक्सलियों द्वारा दो तेदेपा नेताओं की हत्या के मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण सुबूत हाथ लगा है। पुलिस ने दावा किया है कि दोनों नेताओं की नक्सलियों के जिस दस्ते ने हत्या की, उसका नेतृत्व महिला कमांडर अरुणा कर रही थी। यह महिला कमांडर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की आंध्र-ओडि़शा बॉर्डर कमेटी की सदस्य है।
आंध्र प्रदेश और ओडि़शा सीमा क्षेत्र में चल रहे कांबिंग ऑपरेशन में हमले में शामिल नक्सलियों की तलाश की जा रही है। इस अभियान हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ में महिला नक्सली कमांडर अरुणा के नेतृत्व में हमला होने की बात सामने आई है। पता चला है कि अरुणा दस दिन से इलाके में थी और अपने दस्ते के साथ किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के इलाके में आने का इंतजार कर रही थी।
हमले की साजिश आंध्र-ओडि़शा बॉर्डर कमेटी के सचिव रामकृष्ण ने अपने सलाहकारों के साथ बैठकर तैयार की थी। रामकृष्ण और उसके नजदीकी 24 अक्टूबर, 2016 को सुरक्षा बलों की घेराबंदी में बाल-बाल बचे थे। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में उस दिन 27 नक्सली मारे गए थे।
तेलुगु देसम पार्टी के विधायक किदारी सर्वेश्वरा राव और पूर्व विधायक सिवेरी सोमा की रविवार को लिपिटीपुट्टा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गांव में गए थे। दोनों नेताओं पर हमला करने वाले 50 नक्सलियों के दस्ते में करीब 20 महिलाएं थीं। दस्ते में शामिल ज्यादातर नक्सली 20-25 वर्ष की आयु के थे। हमले के शिकार दोनों नेताओं का अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान से कर दिया गया।