तीन तलाक पर मुस्लिम संगठन की धमकी, आगामी चुनावों में सिखाएंगे बीजेपी को सबक
एआईटीयूआई के अध्यक्ष मुफ्ती अश्फाक हुसैन कादरी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार देश को आरएसएस के एजेंडे पर ले जा रही है और कुछ राज्यों में आगामी चुनावों में अल्पसंख्यक इस भगवा पार्टी को इसका करारा जवाब देंगे।'
नई दिल्ली (पीटीआई)। तीन तलाक के मुद्दे पर पिछले काफी दिनों से सरकार और मुस्लिम संगठनों के बीच तनातनी का दौर जारी है। इस बीच मंगलवार को ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-हिंद (एआईटीयूआई) के नेताओं ने कहा कि वे मुस्लिम पर्सनल लॉ में किसी भी तरह के हस्तक्षेप को बर्दास्त नहीं करेंगे। यही नहीं उन्होंने यहां तक धमकी तक दे डाली कि तीन तलाक के मुद्दे पर आगामी विधानसभा चुनावों में मुसलमान बीजेपी को सबक सिखाएंगे।
एआईटीयूआई के अध्यक्ष मुफ्ती अश्फाक हुसैन कादरी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार देश को आरएसएस के एजेंडे पर ले जा रही है।' सुन्नी मुसलमान तीन तलाक को खत्म किए जाने के मामले में विधि आयोग द्वारा लोगों की राय लिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, कुछ राज्यों में आगामी चुनावों में अल्पसंख्यक इस भगवा पार्टी को इसका करारा जवाब देंगे। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, सुन्नी मुस्लिम विद्वान केंद्र सरकार और यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ 18 नवंबर को जंतर-मंतर से संसद तक एक मार्च निकालेंगे।
कादरी ने कहा, '18 नवंबर को हजारों मुसलमान जंतर-मंतर पर इकट्ठा होंगे और यूनिफॉर्म सिविल कोड थोपने की मोदी सरकार की कोशिश के खिलाफ संसद की तरफ मार्च करेंगे। वे महिला सुरक्षा के नाम पर शरियत कानून में बदलाव के सरकार के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध करेंगे।'
मुस्लिम स्टूडेंट ऑर्गेनाजेशन ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी शुजात कादरी ने कहा, 'जेएनयू के लापता छात्रा नजीब अहमद के लापता होने और फिलिस्तीनियों के अधिकारों के मामले भी इस मार्च के एजेंडा में शामिल होंगे।'