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तमिलनाडु: छात्रों के लिए खुशखबरी, मेडिकल कॉलेजों में 7.5 फीसद आरक्षण को राज्यपाल ने दी मंजूरी

तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के लिए खुशखबरी है। गुरुवार को राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के उन छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में 7.5 फीसद आरक्षण देने का आदेश पारित किया था जिन्होंने नीट पास किया था। अब राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने इसे मंजूरी दे दी है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 02:18 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 02:18 PM (IST)
तमिलनाडु: छात्रों के लिए खुशखबरी, मेडिकल कॉलेजों में 7.5 फीसद आरक्षण को राज्यपाल ने दी मंजूरी
तमिलनाडु: छात्रों के लिए खुशखबरी, मेडिकल कॉलेजों में 7.5 फीसद का मिलेगा आरक्षण।

चेन्नई, एएनआइ। तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के लिए खुशखबरी है। गुरुवार को राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के उन छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में 7.5 फीसद आरक्षण देने का आदेश पारित किया था, जिन्होंने नीट पास किया था। अब राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने इस बिल की मंजूरी दे दी है।

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बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा ने 15 सितंबहर को एकमत होकर एक विधेयक पारित किया था, जिसमें नीट पास करने वाले सभी राज्यों के छात्रों को 7.5 फीसद आरक्षण देने पर जोर दिया गया था। इस विधेयक को कानून बनाने के लिए तमिलनाडु कैबिनेट के पाच मंत्रियों का शिष्टमंडल प्रदेश के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिला था।

इस दौरान इस शिष्टमंडल ने राज्यपाल से विधेयक को मंजूर करने का अनुरोध किया था। इस दौरान इस बिल में साफ लिखा था कि नीट परीक्षा करने पास करने वाले राज्य सरकार के स्कूलों के छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश में आरक्षण की व्यवस्था की जाए।

इस विधेयक में सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए चिकित्सा, दंत चिकित्सा, भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी के स्नातक पाठ्यक्रमों में 7.5 फीसद का आरक्षण प्रदान किया जाएगा। यह फायदा सिर्फ नीट पास करने वाले छात्रों को ही मिलेगी। हालांकि, यह ऑल इंडिया कोटे के तहत आरक्षित सीटों पर लागू नहीं किया जाएगा। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एडप्पी के पलानीस्वामी ने पहले कहा था कि नीट कोटा विधेयक के तहत करीब 300 सीटें वंचित परिवार से आने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए आरक्षित की जाएगी। 

बता दें कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से एमबीबीएस, बीडीएस, बीएसएमएस, बीएएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस में दाखिले के आरक्षण दिया जाएगा। आरक्षण का यह विषय राज्य के लिए बड़ा मुद्दा बन चुका है जहां अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा का चुनाव होना है. मंत्रियों के एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल से विधेयक पर जल्द मंजूरी देने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने कहा था कि उन्हें इस पर गौर करने के लिए तीन से चार हफ्ते का समय लगेगा.


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