Move to Jagran APP

Swachh Survekshan 2020: इंदौर लगातार चौथी बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित

केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण स्वच्छ सर्वेक्षण- 2020 के परिणामों की घोषणा की। लगातार चौथी बार इंदौर को देश के सबसे साफ शहर का खिताब मिला।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 11:45 AM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 01:16 PM (IST)
Swachh Survekshan 2020:  इंदौर लगातार चौथी बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित
Swachh Survekshan 2020: इंदौर लगातार चौथी बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छता सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण 'स्वच्छ सर्वेक्षण- 2020' के परिणामों की घोषणा की। लगातार चौथी बार इंदौर को देश के सबसे साफ शहर का खिताब मिला। इससे पहले वह  2017, 2018, 2019 में शीर्ष स्थान पर रहा। वहीं दूसरे स्थान पर गुजरात का सूरत और तीसरे पर महाराष्ट्र का नवी मुंबई है। पहले संस्करण में सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार कर्नाटक के मैसूर ने हासिल किया था।

loksabha election banner

स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर इंदौर के नंबर वन रहने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्वच्छता इंदौर का स्वभाव है, यहां की जनता ने गंदगी को भगा दिया है और स्वच्छता इंदौर की सभ्यता बन गई है। मैं इंदौर की जनता को बहुत बधाई देता हूं। अब केवल देश से ही नहीं दुनिया से, लोग स्वच्छता का पाठ पढ़ने-सीखने कहीं आते हैं तो इंदौर आते है।

वाराणसी गंगा नदी के किनारे बसा सबसे साफ शहर 

स्वच्छता सर्वेक्षण में चौथे नंबर पर विजयवाडा, पांचवें पर अहमदाबाद,छठे पर राजकोट, सातवें पर भोपाल, आठवें पर चंडीगढ़, नौवें पर विशाखापत्तनम और दसवें नंबर पर वडोदरा रहा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में जालंधर कैंट को सबसे स्वच्छ छावनी घोषित किया गया। वहीं, वाराणसी गंगा नदी के किनारे बसा सबसे साफ शहर रहा। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। 

स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का कार्य 28 दिन में पूरा किया गया

बताया गया है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का कार्य 28 दिन में पूरा किया गया है। स्वच्छता एप पर 1.7 करोड़ नागरिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया। सोशल मीडिया पर 11 करोड़ से ज्यादा बार इसे देखा गया। इससे पहले मंत्रालय के प्रवक्ता राजीव जैन बताया था कि 4,242 शहरों से 1.87 करोड़ लोगों ने इस सर्वे में भाग लिया। इसमें 62 छावनी बोर्ड व गंगा के आसपास बसे 92 कस्बे शमिल हैं। 

5.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम से जोड़े गए

5.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम से जोड़े गए और कचरा बीनने के काम में लगे 84,000 से ज्यादा लोगों को मुख्यधारा में लाया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत सरकार द्वारा इस मिशन को लेकर लोगों में रुचि और प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए शुरू की गई थी। इससे सबसे स्वच्छ शहर बनने की दिशा में शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा हुई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.