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Swachh Survekshan 2020: जानें- कैसे स्वच्छता रैंकिंग में लगातार चौथी बार नंबर-1 बना इंदौर

स्वच्छता के नवाचारों और जनभागीदारी की अनूठी मिसाल की वजह से स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार चौथी बार नंबर एक पर रहा है।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 01:36 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 01:36 PM (IST)
Swachh Survekshan 2020: जानें- कैसे स्वच्छता रैंकिंग में लगातार चौथी बार नंबर-1 बना इंदौर
Swachh Survekshan 2020: जानें- कैसे स्वच्छता रैंकिंग में लगातार चौथी बार नंबर-1 बना इंदौर

नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रव्यापी वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार चौथी बार नंबर एक पर रहा। पहले संस्करण में कर्नाटक का मैसूर ने पहला स्थान हासिल किया था। इसके बाद इंदौर  2017, 2018, 2019 में शीर्ष स्थान पर रहा है। 2019 में स्वच्छता के नवाचारों और जनभागीदारी की अनूठी मिसाल की वजह से आम जनता, जनप्रतिनिधि और अधिकारी सभी को यह पहले से ही विश्वास था कि यह ताज फिर उनके ही शहर के नाम होगा। आइए जानते हैं इंदौर स्वच्छता का मिसाल कैसे बना ?

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इंदौर इसलिए बना नंबर वन

  • इंदौर के हर घर और दुकान से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कर लिया जाता है। इसके अलावा नगर निगम की गाड़ी में लगे तीसरे लिटरबिन में डाइपर, नैपकिन जैसे जैविक अपशिष्ट अलग से लिए जाते हैं।
  • ट्रेंचिंग ग्राउंड में 300 टन सूखा कचरा प्रोसेस करने का प्लांट लगाया गया है। यहां कचरे को 12 अलग-अलग तरह के मशीनों से छांटा जाता है। यह देश का एकमात्र प्लांट है।
  • ट्रेंचिंग ग्राउंड में 15 लाख टन पुराना कचरा हटाकर 60 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं और सिटी फॉरेस्ट बनाया गया है।
  • शहर की 16 हजार इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है।
  • इंदौर कचरा कम करने के लिए कदम बढ़ाने वाला पहला शहर है। यहां थ्री-आर फॉर्मूले (रिड्यूस, रिसाइकिल और रियूज) के तहत बर्तन बैंक, झोला बैंक और डिस्पोजल फ्री मार्केट बनाए गए हैं।
  • घरों से निकलने वाले गीले कचरे को घरों में ही खाद में बदलकर कचरा उत्सर्जन में कमी करने की दिशा में काम हो रहा है।
  • शहर ने उपचारित पानी का 10 प्रतिशत हिस्सा फिर से इस्तेमाल करने में सफलता पाई है।
  • 575 गारबेज कलेक्शन वैन से कचरा परिवहन होता है।
  • 23 रोड क्लीनिंग मशीन रात में मुख्य सड़कों की सफाई करती है।
  • 3053 लिटरबिन सड़क किनारे लगे हैं, जिनसे रोज कचरा उठाया जाता है।
  • 10 ट्रांसफर स्टेशन के जरिए शहरभर का गीला-सूखा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचता है।
  • इंदौर में कचरे के सात प्रोसेसिंग प्लांट हैं।
  • लगभग नौ हजार सफाईकर्मी रोज दिन-रात सफाई करते हैं।
  • इंदौर में जलाशयों, पुल-पुलियाओं और चौराहों पर सौंदर्यीकरण का काम हुआ हैल और नदी-नालों की सफाई कर स्वच्छता को अगले मुकाम पर पहुंचाया है।

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