पाकिस्तान में होने वाले SCO सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना के भाग लेने पर सस्पेंस, नहीं मिला कोई प्रस्ताव
भारतीय सेना (Indian Army) को अभी तक साल के अंत में पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन द्वारा आयोजित एक बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लेने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। भारतीय सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय सेना (Indian Army) को अभी तक साल के अंत में पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) द्वारा आयोजित एक बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लेने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। भारतीय सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी। भारतीय सेना (Indian Army) के सूत्रों ने यह जानकारी दी। इस एक्सरसाइज का नाम 'पब्बी-एंटी टेरर 2021' रखा गया है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें अभी तक पाकिस्तान में होने वाले एससीओ अभ्यास में भाग लेने का कोई भी प्रस्ताव नहीं मिला है।
दरअसल कुछ दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारतीय सेना अभ्यास 'पब्बी-एंटी-टेरर 2021' (Pabbi-Anti-Terror-2021) में भाग लेगी या नहीं। मालूम हो कि एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में संपन्न एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने की थी। साल 2005 में भारत और पाकिस्तान (Pakistan) इस समूह में बतौर पर्यवेक्षक शामिल किए गए थे। फिर साल 2017 में दोनों देश इस समूह के पूर्ण सदस्य बन गए थे।
इस साल सितंबर-अक्टूबर में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र के पाब्बी नोहशेरा जिले में इस सैन्य अभ्यास को आयोजित करने की योजना है। इस अभ्यास का मकसद एससीओ सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाना है। पाकिस्तानी मीडिया ने अपनी रिपोर्टों में शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तानी पक्ष ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि भारत को निमंत्रण भेजा जाएगा या नहीं। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने एक सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया था कि भारतीय बलों को आमंत्रित करने के बारे में अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं है।
पाकिस्तान, चीन और भारत अतीत में कई बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों में भाग लेते रहे हैं। हालांकि पिछले साल भारत ने शंघाई सहयोग संगठन के इस सैन्य अभ्यास में अपने सैनिकों को नहीं भेजा था। भारतीय सेना ने पहली बार साल 2018 में इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था। यह युद्धाभ्यास रूस के चेबरकुल मिलिट्री बेस पर आयोजित किया गया था। साल 1947 के विभाजन के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने चेबरकुल में आयोजित इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था।