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Surgical Strike on Pakistan: PoK में भारत का सीक्रेट आपरेशन, उड़ी आतंकी हमले का ऐसे लिया था बदला

भारतीय सेना ने गुलाम कश्मीर में रात में की सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकियों को भारी नुकसान हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक कर सफलता पाकर वापस लौटने पर कुछ तथ्यों के बारे में भी जानकारी दी थी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 10:20 AM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 11:08 AM (IST)
Surgical Strike on Pakistan: पाक की धरती पर भारत का सबसे गुप्त आपरेशन, खौफनाक था उड़ी आतंकी हमले का बदला

नई दिल्ली, एजेंसी। साल 2016 में भारतीय जवानों को निशाना बनाते हुए उड़ी में हुए आतंकी हमले का दुख शब्दों में बयां नहीं हो सकता। हालांकि, इसके बाद भारत की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक को भी कोई नहीं भूल सकता। खासकर पाकिस्तान, जिसके अंदर घूसकर भारत ने कहर मचा दिया था और उरी हमले का बदला लिया था। आज सर्जिकल स्ट्राइक को पांच साल हो गए हैं। इस दिन सितंबर 2016 में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की थी और नियंत्रण रेखा के साथ बने आतंकी लान्चपैड को नष्ट कर दिया था।

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तब से सरकार 29 सितंबर को 'सर्जिकल स्ट्राइक डे' के रूप में मना रही है। यह हमला 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में भारतीय सेना के अड्डे पर पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए हमले के मद्देनजर किया गया था, जिसमें 19 सैनिक शहीद हुए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाद में समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार के दौरान सैन्य कार्रवाई के कुछ विवरणों का खुलासा किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई गई थी क्योंकि उड़ी में आतंकी हमले में सैनिकों के शहीद होने के बाद गुस्सा बढ़ रहा था। सर्जिकल स्ट्राइक का देश के लोगों के साथ-साथ सशस्त्र बलों ने भी स्वागत किया था।

2016 सर्जिकल स्ट्राइक के तथ्य

पीएम नरेंद्र मोदी ने खुलासा किया कि जवानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमले की तारीख दो बार बदली गई। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने सैनिकों को सफलता या विफलता के बारे में नहीं सोचने और 'सूर्योदय से पहले' वापस आने का आदेश दिया था। सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए सेना को 'फ्री हैंड' दिया था। बस इतना कहना था कि शहीद जवानों को न्याय मिले।

पैरा-कमांडो द्वारा किए गए पूर्व नियोजित सर्जिकल स्ट्राइक ने 'रणनीतिक संयम' की भारतीय नीति में बदलाव को चिह्नित किया। सेना ने गुलाम कश्मीर में रात में सर्जिकल स्ट्राइक की, जिसमें आतंकियों को भारी नुकसान हुआ। कश्मीर के पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में लगभग 35-40 आतंकवादी मारे गए।

कैसे बनी थी स्ट्राइक की योजना

इस क्षेत्र के नागरिकों को 27 सितंबर को रात लगभग 10 बजे बाहर निकाल लिया गया और सैनिकों द्वारा अपना मिशन शुरू करने से पहले लान्चपैड पर संतरियों को स्नाइपर्स के साथ निष्प्रभावी कर दिया गया था। भारतीय सेना ने 24 सितंबर को अपने विशेष बलों के दस्ते का निर्माण शुरू किया, जो नाइट-विजन उपकरणों, टैवर 21 और एके -47 असाल्ट राइफलों से लैस था।

वे राकेट से चलने वाले ग्रेनेड, कंधे से मार करने वाली मिसाइल, पिस्तौल, उच्च विस्फोटक ग्रेनेड और प्लास्टिक विस्फोटक से भी लैस थे। जहां दो साल बाद 2018 में, केंद्र सरकार ने सैनिकों की बहादुरी का सम्मान करने का फैसला किया और 28 सितंबर को 'सर्जिकल स्ट्राइक दिवस' के रूप में चिह्नित किया।


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