उत्तराखंड के जंगल की आग पर दायर याचिका सुनेगा सुप्रीम कोर्ट, अगले सप्ताह होगी सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश एक अन्य याचिका में मांग की गई कि जंगल में रहने वाले सभी पशु-पक्षियों को कानूनी दर्जा प्रदान किया जाए जिससे उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए सरकार वचनबद्ध हो।
नई दिल्ली, एजेंसी। उत्तराखंड में आग से जंगलों के बचाव के लिए दिशानिर्देश जारी करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई करेगा। याचिका में उत्तराखंड के जंगलों में अक्सर लगने वाली आग पर चिंता जताई गई है। आग से वनस्पति, वन्य जीवों और पक्षियों के बचाव के लिए पर्यावरण मंत्रालय व उत्तराखंड सरकार के लिए अविलंब दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश एक अन्य याचिका में मांग की गई कि जंगल में रहने वाले सभी पशु-पक्षियों को कानूनी दर्जा प्रदान किया जाए जिससे उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए सरकार वचनबद्ध हो।
इस पर पीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता रितुपर्ण उनियाल को अपनी याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट के समक्ष रखने के लिए कहा। पीठ में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस रामासुब्रमण्यम भी शामिल हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कहा, हाई कोर्ट ने जंगल की आग के संबंध में 2016 में आदेश पारित किया है लेकिन वह प्रभावी नहीं हो पाया है। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका शीर्ष न्यायालय में लंबित है।
वन्य जीवों समेत पूरे जंगल के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना समय की मांग
इस पर पीठ ने कहा, हम अगले सप्ताह इस मामले पर सुनवाई करेंगे। अपनी याचिका में उनियाल ने उत्तराखंड में आग से बचाव की अग्रिम व्यवस्था बनाने और जंगल को बचाने के लिए नीति बनाए जाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वन्य जीवों समेत पूरे जंगल के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना समय की मांग है। पृथ्वी पर मानव जीवन बनाए रखने के लिए जंगलों और वन्य जीवों को बनाए रखना आवश्यक है।