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राजनीति में अपराधियों का प्रवेश रोकने के लिए कानून बनाए संसद

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसले में कहा जिनके ख़िलाफ़ गंभीर अपराध में अदालत से आरोप तय हों, उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए संसद कानून बनाए।

By Vikas JangraEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 08:23 PM (IST)
राजनीति में अपराधियों का प्रवेश रोकने के लिए कानून बनाए संसद
राजनीति में अपराधियों का प्रवेश रोकने के लिए कानून बनाए संसद

माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति के बढ़ते अपराधीकरण पर चिंता जताते हुए संसद से राजनीति में अपराधियों का प्रवेश रोकने के लिए कानून बनाने को कहा है। कोर्ट ने इसके साथ ही उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में मतदाता को सूचित करने के लिए दिशानिर्देश भी जारी किये हैं। कोर्ट ने कहा है कि राजनैतिक दल उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि वेबसाइट पर डालेंगी इसके अलावा राजनैतिक दल और उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में प्रिंट और इलेक्टि्रानिक मीडिया में व्यापक प्रचार करेंगे।

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उम्मीदवार के बारे में जानना मतदाता का अधिकार है और लोकतंत्र के लिए भी ये जरूरी है। हालांकि पांच न्यायाधीशों की संविधानपीठ ने गंभीर अपराध में आरोपतय होने पर चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराने का आदेश देने से मना कर दिया। कहा कोर्ट आदेश के जरिए सदस्य की अयोग्यता नहीं बढ़ा सकता। संविधान में अयोग्यता तय करने का अधिकार विधायिका को दिया गया है और विधायिका ने अयोग्यता के बारे में स्पष्ट कानून बना रखा है। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, आरएफ नारिमन, एएम खानविल्कर, डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की पीठ ने एक मत से दिया है।

अच्छी सरकार के लिए अच्छे लोगों का चुनाव होना चाहिएकोर्ट ने कहा है कि देश में अच्छी सरकार चलाने के लिए जरूरी है कि सबसे अच्छे लोगों को जनप्रतिनिधि चुना जाए। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सबसे अच्छे लोगों से आशय ऐसे लोगों से है जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि न हो और लोगों को उनकी पृष्ठभूमि, संपत्ति तथा अन्य पहलुओं की जानकारी हो।राजनीति का अपराधीकरण खतरनाक स्थितिकोर्ट ने कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र में राजनीति का अपराधीकरण बहुत ही खतरनाक और निराशाजनक स्थिति है।

लोकतंत्र में नागरिक भ्रष्टाचार के प्रति चुपचाप असहाय मूक बधिर दर्शक बने रहने को मजबूर नहीं किये जा सकते। यह नहीं माना जा सकता कि यही उनकी नियति है। पृष्ठभूमि के बारे में घोषणा से चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष बनती है और मतदाता का चुनाव का अधिकार मजबूत होता है। लोकतंत्र के लिए यह अधिकार सर्वोच्च है। मतदाता को उम्मीदवार के बारे में जानने का अधिकार है। इसमें कटौती से लोकतंत्र को नुकसान पहुंच सकता है।

राष्ट्र उत्सुकता से कानून का इंतजार कर रहा हैकोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि संसद कानून बनाकर सुनिश्चित करे कि जिन लोगों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमें हैं वे राजनीति में प्रवेश न करने पाएं। ये एक बात है कि दोषी साबित होने तक व्यक्ति निर्दोष माना जाता है लेकिन ये भी उतना ही जरूरी है कि जो व्यक्ति पब्लिक लाइफ में प्रवेश करे और कानून बनाने की प्रक्रिया में भागीदार हो, उस पर किसी भी तरह के गंभीर आपराधिक आरोप नहीं होने चाहिए। यह सही है कि भावी उम्मीदवार के खिलाफ झूठे केस दर्ज होते हैं लेकिन संसद उचित कानून बनाकर उनसे निपट सकती है।

राष्ट्र उत्सुक्ता से कानून का इंतजार कर रहा है।धनबल की सर्वोच्चता पर रोष पनपता हैकोर्ट ने कहा कि जब धन और बाहुबल की शक्ति सवोच्च हो जाती है तो देश में रोष उत्पन्न होता है। जरूरी उपाय किये जाने चाहिए ताकि ऐसे लोग राजनीति में आने के बारे मे सोच भी न सकें। भरोसा है कि विधायिका लोकतंत्र के इस कैंसर को ठीक करेगीकोर्ट ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि विधायिका इस कैंसर को ठीक करेगी। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ये लाइलाज नहीं है। ये सिर्फ इसपर निर्भर करता है कि कब इसका इलाज शुरू किया गया। जल्दी शुरू करना बेहतर रहेगा ताकि ये लोकतंत्र के लिए घातक न हो जाए।

कोर्ट के दिशा निर्देश

1- प्रत्येक उम्मीदवार चुनाव आयोग के फार्म को पूरी तरह भरेगा

2- मोटे अक्षरों में लंबित आपराधिक मामलों के बारे में बतायेगा

3- किसी राजनैतिक दल की टिकट पर चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार पार्टी को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में बताएगा

4- संबंधित राजनैतिक दल उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि का ब्योरा बेवसाइट पर डालेगी

5- राजनैतिक दल और उम्मीदवार अखबार और इलेक्ट्रानिक मीडिया में उम्मीदवार की पृष्ठभूमि का व्यापक प्रचार करेंगे। नामांकन दाखिल करने के बाद कम से कम तीन बार ऐसा प्रचार करेंगे।
 


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