Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ प्रमुख से कहा, दु‌र्व्यवहार करने की नहीं मिलेगी अनुमति; ठहराया गया है अवमानना का दोषी

अदालत ने कहा आप समझते हैं कि हर किसी को-चाहे यह पीठ हो या अन्य व्यक्ति सरकार या किसी और को धमकी देकर आप पीछे हटने के लिए मजबूर कर सकते हैं। आपने ऐसा कहा है। हम आपको दु‌र्व्यवहार करने की अनुमति देने को तैयार नहीं हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 07:11 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 07:15 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ प्रमुख से कहा, दु‌र्व्यवहार करने की नहीं मिलेगी अनुमति; ठहराया गया है अवमानना का दोषी
अदालत ने सुराज इंडिया ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव दहिया की सजा जनवरी तक के लिए टाली

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के अध्यक्ष से कहा कि उन्हें दु‌र्व्यवहार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती और उन्होंने अब तक सीख नहीं ली है। इस संगठन के अध्यक्ष को अदालत की निंदा करने तथा धमकी देने के लिए 25 लाख रुपये का जुर्माना जमा नहीं करने पर अवमानना का दोषी ठहराया गया है।

loksabha election banner

अदालत ने कहा, आप समझते हैं कि हर किसी को-चाहे यह पीठ हो या अन्य व्यक्ति, सरकार या किसी और को धमकी देकर आप पीछे हटने के लिए मजबूर कर सकते हैं। आपने ऐसा कहा है। हम आपको दु‌र्व्यवहार करने की अनुमति देने को तैयार नहीं हैं। जस्टिस एसके कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने यह टिप्पणी की। इसके साथ ही पीठ ने एनजीओ सुराज इंडिया ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव दहिया की सजा को अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दिया। दहिया ने कहा कि उन्होंने बिना शर्त माफी मांग ली है और न्यायालय उनके प्रति दयालु रहा है।

हालांकि पीठ ने कहा, हमने आपके प्रति दयालु होने की कोशिश की, लेकिन आप ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जो इस दया को बहुत अच्छी तरह से स्वीकार करते हैं। पूरी समस्या यही है। दहिया ने शुरू में कहा कि उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या की थी।

पीठ ने कहा कि वह कानून से अच्छी तरह अवगत हैं तथा अदालत के समक्ष संवैधानिक मुद्दों पर बहस करते रहे हैं। इसके साथ ही पीठ ने कहा, हमारे लिए किसी को दोषी ठहराना कोई खुशी की बात नहीं है। यही आखिरी उपाय है। लेकिन आप आगे बढ़ते ही गए। लगता है आपने कोई सबक नहीं सीखा।

पीठ ने कहा कि उन्होंने बिना शर्त माफी मांगने के लिए आवेदन दिया है और न्यायालय सजा टाल देगा। अदालत ने कहा, हम सजा टाल देंगे। देखते हैं कि आपका व्यवहार कैसा रहता है। पीठ ने मामले को अगले साल 11 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.