एयर इंडिया के खिलाफ ट्रांसजेंडर महिला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट ट्रांसजेंडर ने कहा कि उसने अप्रैल 2014 में लिंग परिवर्तन कराया था और महिला बन गई थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया के खिलाफ एक ट्रांसजेंडर महिला की याचिका पर तीन हफ्ते बाद सुनवाई करने का फैसला किया है। एयर इंडिया ने ट्रांसजेंडर महिला को केबिन क्रू सदस्य के रूप में नौकरी देने से इन्कार कर दिया था।
जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि इस मामले को सुनवाई के लिए पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है और तीन हफ्ते बाद इस पर सुनवाई की जाएगी। याची के वकील आनंद ग्रोवर ने याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया, क्योंकि यह मामला 2017 से ही लंबित है।
2014 में कराया था लिंग परिवर्तन
इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट ट्रांसजेंडर ने कहा कि उसने अप्रैल, 2014 में लिंग परिवर्तन कराया था और महिला बन गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि एयर इंडिया ने ट्रांसजेंडर के लिए व्यक्तित्व परीक्षण के आधार पर उसे केबिन क्रू सदस्य की नौकरी देने से मना कर दिया था।
2017 में एयर इंडिया और मंत्रालय को जारी किया था नोटिस
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में इनकी तरफ से अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा गया था कि ट्रांसजेंडर महिला व्यक्तित्व परीक्षण और समूह चर्चा (पीटी व जीडी) में अर्हता के लिए जरूरी न्यूनतम अंक हासिल करने में असफल रही थी और उसके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया।