सुप्रीम कोर्ट सड़क के किनारे लाइनें बिछाने के लिए जगह छोड़ने पर करेगा विचार, केंद्र और NHI को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट राजमार्गों एवं अन्य सड़कों के किनारे सार्वजिनक उपयोग की विभिन्न सुविधाओं जैसे टेलीकाम आदि की लाइनें बिछाने के लिए डक्ट छोड़े जाने की मांग पर विचार करेगा। सर्वोच्च अदालत ने इस मसले पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। आये दिन किसी न किसी लाइन को डालने के लिए सड़क खोद दिए जाने की असुविधा शायद आने वाले दिनों में न झेलनी पड़े। सुप्रीम कोर्ट राजमार्ग व अन्य सड़कों के किनारे सार्वजिनक उपयोग की विभिन्न सुविधाओं जैसे टेलीकाम आदि की लाइनें बिछाने के लिए डक्ट (जगह) छोड़े जाने की मांग पर विचार करेगा। बुधवार को कोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार का मन बनाते हुए उड़ीसा की हरिप्रिया पटेल की याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने हिरप्रिया की याचिका पर केंद्र सरकार, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) व अन्य को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया कि बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के निर्माण के समय ही सड़क के किनारे सार्वजनिक उपयोग की विभिन्न लाइनें बिछाने के लिए डक्ट का निमार्ण किया जाना चाहिए ताकि बार-बार एक ही चीज के लिए सड़क न खोदी जाए।
याचिका में कहा गया है कि इससे ना केवल पैसे की बचत होगी वरन सड़क की बार-बार की खुदाई से होने वाली परेशानी और दुर्घटनाओं से भी निजात मिलेगी। याचिका में कहा गया कि अथारिटीज को बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए सार्वजनिक उपयोग की लाइनों के लिए डक्ट छोड़ना जरूरी है। लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। कई बार विशेषज्ञ संस्थाओं की ओर से इस बारे में संस्तुति की जा चुकी है।
यही नहीं 22 नवंबर 2016 को सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से इस बारे में गाइड लाइन भी जारी की जा चुकी है। इसके अलावा नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पालिसी भी है। कहा गया है कि इनका पालन न होने से एक ही जैसे सिविल काम जैसे टेलीकाम लाइन बिछाने आदि के लिए बार-बार सड़क की खुदाई होती है जिससे गैरजरूरी खर्च बढ़ता है। लंबे समय से प्रस्ताव है जिसमें सड़क से संबंधित बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लागू करते समय ही आइटी प्रोजेक्ट और अन्य लाइनों के लिए प्रविधान करने की बात की गई है।