वनवासियों से भूमि पर अवैध कब्जे खाली नहीं कराने की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
वन में जमीन और गांव पर कब्जा करने के लिए निवासियों को गैर-आदिवासी घोषित कर दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। अधिकारियों को वनवासियों से भूमि पर अवैध कब्जे खाली नहीं कराने का निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। शीर्ष कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अधिकारियों को निर्देश देने और आदिवासियों की भूमि पर अवैध कब्जे की जांच के लिए एसआइटी गठित करने की मांग करने वाली नई याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर वह विचार कर सकता है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस संजय खन्ना की पीठ ने छत्तीसगढ़ निवासी तारिका तरंगिनी लार्का की याचिका को संज्ञान में लिया। लार्का ने कोर्ट से केंद्र को आदिवासी की भूमि उसी इलाके में रहने वाले आदिवासियों के अलावा किसी और को नहीं देने का निर्देश देने की मांग की है।
वकील एमएल शर्मा ने याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की मांग की। पीठ ने कहा, 'हम इसे देखेंगे। यह यह आश्वासन नहीं देंगे कि सुनवाई सोमवार को होगी।'
शीर्ष कोर्ट ने बीते गुरुवार को 13 फरवरी को दिए गए अपने आदेश पर रोक लगा दी थी। शीर्ष कोर्ट ने 21 राज्यों से 11.8 लाख वनवासियों को गैरकानूनी भूमि खाली कराने का आदेश दिया था। इन लोगों का जमीन पर दावा अधिकारियों ने खारिज कर दिया था।
अपनी याचिका में लार्का ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तामनार में अधिकारियों ने आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया है। इस जमीन को बाहरी लोगों को सौंप दिया है और इलाके से आदिवासियों को बाहर करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने साधारण रणनीति अपनाई है।
वन में जमीन और गांव पर कब्जा करने के लिए निवासियों को गैर-आदिवासी घोषित कर दिया है। उन्होंने जमीन पर उनके दावे को खारिज कर दिया है।