जजों और वकीलों को पहले टीका लगाने पर 18 को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
SII की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और भारत बायोटेक की तरफ से पेश मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत को बताया कि विभिन्न हाई कोर्ट ने यह जानकारी मांगी है कि कितनी वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है और यह कब तक सभी लोगों को दे दी जाएगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 45 साल से कम उम्र के जजों, वकीलों और अदालत के कर्मचारियों के लिए टीकाकरण के लिए अलग से प्राथमिकता समूह बनाना वांछनीय नहीं हो सकता। केंद्र ने कहा कि पहले से ही श्रमिकों और बुनियादी सुविधाओं की क्षमता से ज्यादा वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है और वैश्विक महामारी को देखते हुए इसका निर्यात भी किया जा रहा है।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी. रामसुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर 18 मार्च को सुनवाई करेगी। सुनवाई के दौरान ही केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का जवाब दाखिल किया।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और भारत बायोटेक की तरफ से पेश मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत को बताया कि विभिन्न हाई कोर्ट ने यह जानकारी मांगी है कि कितनी वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है और यह कब तक सभी लोगों को दे दी जाएगी। रोहतगी ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण मामला है और वह हाई कोर्ट से सभी मामलों को शीर्ष अदालत में ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर करेंगे।