सुप्रीम कोर्ट महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं पर रामदेव के बयान के मूल रिकार्ड की आज करेगा जांच
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस एएस बोपन्ना तथा हृषिकेश रॉय की पीठ रामदेव की याचिका पर सोमवार को विचार करेगी। अंतरिम राहत के तौर पर योग गुरु ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कोरोना वायरस महामारी के दौरान योग गुरु रामदेव द्वारा एलोपैथिक दवाओं पर दिए गए बयान के मूल रिकार्ड की जांच करेगा। रामदेव ने मामले की जांच पर रोक लगाने और इस सिलसिले में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
पटना और रायपुर में योग गुरु के खिलाफ दर्ज की गई हैं कई एफआइआर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) द्वारा शिकायत किए जाने के बाद पटना और रायपुर में योग गुरु के खिलाफ कई एफआइआर दर्ज की गई हैं।
तीन सदस्यीय पीठ रामदेव की याचिका पर सोमवार को करेगी विचार
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और जस्टिस एएस बोपन्ना तथा हृषिकेश रॉय की पीठ रामदेव की याचिका पर सोमवार को विचार करेगी। अंतरिम राहत के तौर पर योग गुरु ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है। इससे पहले सुनवाई के दौरान पीठ ने रामदेव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी को मूल रिकार्ड पेश करने का निर्देश दिया था। पीठ ने पूछा, उन्होंने असल में क्या कहा है? आपने सारी बात अदालत के सामने नहीं रखी है।
महामारी के दौरान रामदेव द्वारा एलोपैथिक दवाओं पर की गई टिप्पणी का मामला
रामदेव द्वारा एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर की गई टिप्पणियों के मामले में आइएमए ने बिहार और छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है।
आइएमए की पटना, रायपुर शाखा ने कहा- रामदेव की टिप्पणी कोरोना नियंत्रण तंत्र के प्रति दुर्भावनापूर्ण
आइएमए की पटना और रायपुर शाखा ने कहा कि उनकी टिप्पणी कोरोना नियंत्रण तंत्र के प्रति दुर्भावनापूर्ण है। इससे लोग कोरोना के उचित इलाज से विमुख हो सकते हैं। योग गुरु के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के विभिन्न प्रविधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।