Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट स्तब्ध, नेताओं के खिलाफ केस 1983 से लंबित, दोषियों को चुनाव लड़ने पर रोक के लिए केंद्र से सवाल

सुप्रीम कोर्ट यह जानकर स्तब्ध है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ पंजाब में लंबित आपराधिक मामले वर्ष 1983 जितने पुराने हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 08:34 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 03:13 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट स्तब्ध, नेताओं के खिलाफ केस 1983 से लंबित, दोषियों को चुनाव लड़ने पर रोक के लिए केंद्र से सवाल
सुप्रीम कोर्ट स्तब्ध, नेताओं के खिलाफ केस 1983 से लंबित, दोषियों को चुनाव लड़ने पर रोक के लिए केंद्र से सवाल

नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट यह जानकर स्तब्ध है कि सांसदों/विधायकों के खिलाफ पंजाब में लंबित आपराधिक मामले वर्ष 1983 जितने पुराने हैं। खंडपीठ ने पूछा कि आखिर आजीवन कारावास वाला एक मामला पिछले 36 सालों से लंबित क्यों है। साथ ही केंद्र सरकार से छह हफ्ते के अंदर दोषियों पर चुनाव लड़ने से आजीवन प्रतिबंध लगाने के बारे में राय मांगी है। एक जनहित याचिका में मांग की गई है कि आपराधिक मामलों में दोषी पाए जाने वालों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाए।

loksabha election banner

गुरुवार को पंजाब में एक जनप्रतिनिधि के खिलाफ आपराधिक मामला साढ़े तीन दशक से भी ज्यादा समय से लंबित रहने की बात सामने तब आई जब जस्टिस एनवी रमना, सूर्यकांत और ऋषिकेश रॉय की खंडपीठ ने न्याय मित्र वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया से पूछा कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामलों में सबसे पुराना मामला कौन सा है? इसके जवाब में वकील ने बताया कि सबसे पुराना मामला पंजाब से वर्ष 1983 का है।

इसके बाद जस्टिस रमना ने कहा कि खंडपीठ इस मामले को देखेगी और इस बारे में अगली सुनवाई पर अपना रुख बताएगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी आपराधिक मामलों में दोषी करार लोगों पर चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के बारे में राय मांगी है। उल्लेखनीय है कि देश के सभी हाई कोर्टों ने वर्तमान और पूर्व सांसदों विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा है।

इन आंकड़ों पर एक रिपोर्ट न्याय मित्र विजय हंसारिया ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी है जिसमें बताया गया है कि वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ विभिन्न अदालतों में फिलहाल कुल 4,442 मामले लंबित हैं। इसमें भी 2,556 आपराधिक मामले तो मौजूदा जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित हैं। इस रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान पंजाब के सबसे पुराने लंबित मामले की बात सामने आई है। भाजपा नेता और जनहित याचिका दायर करने वाले अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट से आग्रह किया है कि मौजूदा व पूर्व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई तेज की जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.