तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे मामले में SC ने की सुनवाई, दोबारा केरल हाईकोर्ट को भेजा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने आज तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के प्रबंधन मामले को लेकर राज्य सरकार की याचिका को फिर से केरल हाई कोर्ट भेज दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के प्रबंधन मामलो को लेकर दायर की गई राज्य सरकार की याचिका को वापस केरल हाईकोर्ट भेज दिया है। दरअसल, राज्य सरकार की याचिका तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के प्रबंधन को अदानी समूह को दिए जाने के फैसला के खिलाफ है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कुछ समय के लिए केरल सरकार और अन्य पक्षों की ओर से प्रस्तुतियां सुनीं और फिर विवाद को उच्च न्यायालय में भेजने का फैसला किया।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 131 (जो केंद्र और राज्यों के बीच विवाद से संबंधित है) की प्रयोज्यता के संबंध में विवाद जरूरत पड़ने पर आगे की सुनवाई के लिए खुला रहेगा।केरल सरकार ने अगले 50 वर्षों के लिए हवाई अड्डे के प्रबंधन और संचालन अधिकार देने के AAI के प्रस्ताव के खिलाफ उच्च न्यायालय और फिर शीर्ष अदालत का रुख किया था।
जानकारी के लिए बता दें कि लखनऊ के साथ-साथ अहमदाबाद और मंगलुरू हवाई अड्डा अब अडानी समूह का हो गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इनके निजीकरण के लिए अडानी समूह की तीन कंपनियों के साथ कॉन्सेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया। इन हवाई अड्डों का 50 साल तक अडानी समूह देखेगा।
इस समझौते के बारे में जिन अधिकारियों को पता है उन्होंने बताया था कि अहमदाबाद हवाई अड्डे के लिए अडानी अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड मंगलुरू हवाई अड्डा के लिए अडानी मंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स लिमिटेड और लखनऊ हवाई अड्डे के लिए अडानी अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स लिमिटेड के साथ कॉन्सेशन एग्रीमेंट पर साइन किया है।
पिछले साल की शुरुआत में सरकार ने तिरुवनंतपुरम, मेंगलूरू, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी और लखनऊ हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए लगाई गई बोली के विजेताओं का एलान किया था। इन सबमें सबसे ज्यादा बोली अडानी समूह ने लगाई थी।
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