सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वीडियो कांफ्रेंसिंग से दिनभर में एक कोर्ट में हो सकती है 40 मामलों की सुनवाई
शीर्ष कोर्ट द्वारा जारी काम करने की मानक प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार इस समय सिर्फ महत्वपूर्ण मुकदमे ही तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसी नई तकनीक की वकालत करते हुए सोमवार को कहा कि इसके माध्यम से एक कोर्ट दिन में 40 मुकदमों की सुनवाई कर सकता है। शीर्ष कोर्ट देश में लागू लॉकडाउन के बाद से 25 मार्च से महत्वपूर्ण मुकदमों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही सुनवाई कर रहा है। महामारी फैलने की आशंका को देखते हुए शीर्ष कोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए अनिवार्य वकीलों और कोर्ट कर्मचारियों के प्रॉक्सीमिटी कार्ड निलंबित कर दिए गए हैं।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे से होगी चर्चा
न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सूचीबद्ध मुकदमों की सुनवाई पूरी करने के बाद टिप्पणी की कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 20 की जगह 40 मामलों की आसानी से सुनवाई की जा सकती है, बशर्ते मामले में बहस करने वाले अधिवक्ता अपने मामले की कार्यवाही पूरी होने के बाद, तुरंत उस स्थान को खाली कर दें। न्यायमूर्ति भानुमति ने कहा कि वह इस बारे में प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे से चर्चा करेंगी।
जारी हुआ नया सर्कुलर है महत्वपूर्ण
शीर्ष कोर्ट द्वारा जारी काम करने की मानक प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार इस समय सिर्फ महत्वपूर्ण मुकदमे ही तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जा रहे हैं। शीर्ष कोर्ट द्वारा रविवार को जारी नई मानक प्रक्रिया के अनुसार ऐसे नए मामले, जिन्हें कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन से पहले सूचीबद्ध किया जा सकता था, उन्हें अब पहले सूचीबद्ध किया जाएगा। इस नई अधिसूचना के अनुसार नए मामलों की सूची खत्म होने के बाद छोटे मामलों की श्रेणी वाले मामले सूचीबद्ध किए जाएंगे। रविवार को जारी नया सर्कुलर महत्वपूर्ण है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीष्मावकाश पांच सप्ताह स्थगित रखने और 18 मई से 19 जून तक काम करने का निर्णय लिया है।