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आरटीआइ के तहत नहीं मिल सकती तीसरे पक्ष को हाई कोर्ट से जानकारी, सुप्रीम कोर्ट ने दी व्‍यवस्‍था

Supreme Court on RTI Act सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाई कोर्ट से कोई सूचना या आदेशों की सत्यापित प्रतियां तीसरा पक्ष हाई कोर्ट के नियमों के मुताबिक ही हासिल कर सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 11:23 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 11:25 PM (IST)
आरटीआइ के तहत नहीं मिल सकती तीसरे पक्ष को हाई कोर्ट से जानकारी, सुप्रीम कोर्ट ने दी व्‍यवस्‍था
आरटीआइ के तहत नहीं मिल सकती तीसरे पक्ष को हाई कोर्ट से जानकारी, सुप्रीम कोर्ट ने दी व्‍यवस्‍था

नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाई कोर्ट से कोई सूचना या आदेशों की सत्यापित प्रतियां तीसरा पक्ष हाई कोर्ट के नियमों के मुताबिक ही हासिल कर सकता है। ऐसे मामलों में जानकारी हासिल करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेष रॉय की पीठ ने कहा कि नियमों के तहत व्यक्ति को आवेदन या हलफनामा दाखिल कर सूचना हासिल करने के कारणों को बताना होगा।

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पीठ ने कहा, 'गुजरात हाई कोर्ट रूल्स के नियम 151 के तहत दस्तावेजों या आदेशों की सत्यापित प्रतियों की मांग करने वाले तीसरे पक्ष को आवेदन या हलफनामा दाखिल करना जरूरी है जिसमें जानकारी हासिल करने का कारण बताया गया हो। यह नियम आरटीआइ एक्ट के प्रावधानों से अलग नहीं है, सिर्फ सूचना हासिल करने की प्रक्रिया अलग है।' शीर्ष अदालत ने कहा कि आरटीआइ एक्ट के प्रावधानों और अन्य कानून के बीच विसंगति के अभाव में आरटीआइ एक्ट के ओवरराइडिंग प्रभाव लागू नहीं होंगे।

मुख्य सूचना आयुक्त की ओर से पेश वकील की दलील थी कि आरटीआइ एक्ट की धारा 6(2) विशेष तौर पर कहती है कि जानकारी हासिल करने लिए आवेदन करने वाले को जानकारी हासिल करने का कारण बताने की जरूरत नहीं होगी। जबकि गुजरात हाई कोर्ट रूल्स में तीसरे पक्ष के लिए जानकारी मांगे जाने का कारण बताना जरूरी है।

उल्‍लेखनीय है कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम में संशोधनों को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था। कांग्रेस नेता की ओर से दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया था कि संशोधनों के जरिये सूचना आयोग के अधिकारों में कमी की गई है। इस मामले के बाद अब आरटीआइ के मसले पर सुप्रीम कोर्ट की यह नई टिप्‍पणी सामने आई है। 


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