SC ने दी मीडिया को खुली छूट देेने की सलाह, कहा- लोकतंत्र में बर्दाश्त करना सीखें
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पटना हाईकोर्ट के एक पत्रकार और मीडिया हाउस के मानहानि के मामले को खारिज करके खिलाफ अपील को खारिज कर दिया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को खुली छूट देते हुए कहा कि किसी गलत रिपोर्टिग के लिए प्रेस को मानहानि के मामलों में नहीं घसीटना चाहिए। अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया के भाव को पूर्ण अनुमति होनी चाहिए। साथ ही दलील दी कि लोकतंत्र में बर्दाश्त करना सीखना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पटना हाईकोर्ट के एक पत्रकार और मीडिया हाउस के मानहानि के मामले को खारिज करके खिलाफ अपील को खारिज कर दिया।
जस्टिस एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा कि लोकतंत्र में आप (याचिकाकर्ता) सहन करना सीखना चाहिए। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि किसी घोटाले के आरोप की रिपोर्टिंग में थोड़ी गलती या उत्सुकता दिखाई जा सकती है। लेकिन हमें अभिव्यक्ति की आजादी देनी चाहिए। प्रेस को अपनी भावना व्यक्ति करने का पूरा मौका मिलना चाहिए। कुछ गलत रिपोर्टिग की गुंजाइश रहती है लेकिन इसके लिए उन्हें मानहानि के मामलों में नहीं घसीटना चाहिए।
अपने पूर्ववर्ती फैसले को उचित ठहराते हुए मानहानि के मामले पीनल लॉ के लिए वैध हैं। इसके प्रावधान संवैधानिक हैं। लेकिन किसी घोटाले के बारे में कोई गलत रिपोर्ट मानहानि का मामला नहीं बनता है।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक महिला ने अपील की थी जिसमें एक गलत खबर के प्रसारण के लिए महिला ने अपनी और अपने परिवार की मानहानि का दावा किया था। याचिका में कहा गया था कि अप्रैल 2010 में एक समाचार प्रसारित हुआ था। जिसमें बिहार के बिहिया इंडस्टि्रयल एरिया में विकास प्राधिकरण ने उन्हें फूड प्रॉसेसिंग यूनिट लगाने के लिए जमीन दी थी। याचिका में कहा गया कि इस न्यूज रिपोर्ट में पत्रकार और उसके चैनल ने उनका और उनके परिवार का अपमान किया।
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