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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोरोना के चलते अदालतों का विधिवत संचालन चिकित्सकों से परामर्श के बाद हो

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों का पूर्व की भांति विधिवत संचालन चिकित्सकों और विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद ही किया जाएगा। उल्लेखनीय है कोरोना के कारण सुप्रीम कोर्ट समेत अन्य अदालतों में अभी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हो रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 10:36 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 10:36 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोरोना के चलते अदालतों का विधिवत संचालन चिकित्सकों से परामर्श के बाद हो
अदालतों में भीड़भाड़ से कोरोना फैलने की जताई आशंका।

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अदालतों का पूर्व की भांति विधिवत संचालन चिकित्सकों और विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद ही किया जाएगा। उल्लेखनीय है कोरोना के कारण सुप्रीम कोर्ट समेत अन्य अदालतों में अभी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हो रही है।

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पीठ ने कहा- अदालतों में कामकाज शुरू करने को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों की राय महत्वपूर्ण

इस संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोवडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में कोई निर्णय करने से पहले चिकित्सा विशेषज्ञों की राय बहुत महत्वपूर्ण है। याचिका में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई में होने वाली दिक्कतों का हवाला देते हुए पूर्व की भांति अदालतों में कामकाज शुरू करने की मांग की गई थी। इस पीठ में जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमणियन भी शामिल रहे।

पीठ ने कहा- अदालतों में भीड़भाड़ से कोरोना फैल सकता है

पीठ ने कहा कि हम एक साल से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। हमें विशेषज्ञों ने बताया कि अदालतों में भीड़भाड़ से कोरोना फैल सकता है और लोगों की जान भी जा सकती है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में विशेषज्ञों की राय के बाद कोर्ट को ही फैसला करना है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो रही सुनवाई के दौरान मेहता ने पीठ से कहा कि भारत जैसे विशाल देश में कोरोना के कारण एक दिन भी लोगों को न्याय की पहुंच से दूर नहीं किया गया। इस बात का सम्मान होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कुछ जगह अदालतें खुलीं, लेकिन वकीलों के न आने से बंद करनी पड़ीं

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि कुछ जगह अदालतों को खोलकर उनके विधिवत संचालन का प्रयास किया गया, लेकिन वकीलों के न आने से उन्हें बंद करना पड़ा। मद्रास और राजस्थान हाई कोर्ट में अदालतें खोली गईं, लेकिन वकील नहीं आए तो फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही सुनवाई जारी रखी गई। पीठ ने कहा कि हम इस मुद्दे की नियमित समीक्षा करते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श के बाद हम उचित समय पर उचित फैसला करेंगे।

जरूरतमंद वकीलों को मदद की अपील

कोरोना काल में जरूरतमंद वकीलों की मदद के लिए शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा और वकीलों की अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक करने को कहा। कोर्ट ने मिश्रा से कहा कि वे बार के उन सदस्यों से चंदा लेने की संभावना भी तलाशें जो आर्थिक मदद करने की स्थिति में हों। मिश्रा ने कहा कि बार संगठनों ने आपदा काल में बढ़चढ़ कर जरूरतमंद वकीलों की मदद की।

सरकार से ब्याज रहित कर्ज दिलाने की व्यवस्था पर दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी

इस दौरान वकीलों के एक संगठन के सदस्य ने पीठ से आग्रह किया कि इस आपदाकाल में जरूरतमंदों को सरकार से ब्याज रहित कर्ज दिलाने की व्यवस्था की जाए। इस पर पीठ ने मेहता से कहा कि हम अपेक्षा करते हैं कि सरकार इस विषय में कुछ न कुछ जरूर करेगी। इसमें बार कांउसिल जमानतकर्ता की भूमिका निभा सकती है। मेहता ने कहा कि इस मामले में सरकार से बात कर के बताएंगे। कोर्ट में इस मामले पर अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी।


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