Move to Jagran APP

Bhima Koregaon Case : सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने नवलखा की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 05:45 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 06:07 PM (IST)
Bhima Koregaon Case : सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गौतम नवलखा (Gautam Navalakha) की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिका में नवलखा ने भीमा-कोरेगांव (Bhima Koregaon Case) के एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में जमानत दिए जाने की गुजारिश की थी। न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने नवलखा की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। नवलखा की ओर से कपिल सिब्बल और एनआईए की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखीं।  

loksabha election banner

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन मार्च को नवलखा (Gautam Navalakha) की याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा था। याचिका में कहा गया था कि मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाने के कारण नवलखा (Gautam Navalakha) को जमानत दी जानी चाहिए। पुलिस के मुताबिक 31 दिसंबर 2017 को कुछ कार्यकर्ताओं ने पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक में कथित भड़काऊ भाषण दिए थे। इनकी वजह से अगले दिन कोरेगांव भीमा में हिंसा भड़क गई थी। पुलिस का यह भी आरोप है कि कुछ माओवादी समूहों ने भी इस हिंसा को हवा दी थी।

इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि उसको विशेष अदालत के आदेश में दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती है। विशेष अदालत ने 12 जुलाई 2020 को नवलखा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। नवलखा ने पिछले साल विशेष एनआईए अदालत के इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने नवलखा की ओर से दाखिल की गई याचिका पर पिछले साल 16 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। नवलखा ने दलील थी कि वह 90 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं लेकिन अभियोजन आरोप पत्र दायर करने में विफल रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.