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स्वयंभू धर्मगुरुओं के आश्रमों के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, जानें क्‍या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्वयंभू धर्मगुरुओं द्वारा संचालित आश्रमों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। याचिका में आरोप है कि इन आश्रमों में रहने वालों खासकर महिलाओं को बंदी बनाकर रखा गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 07:38 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 01:21 AM (IST)
स्वयंभू धर्मगुरुओं के आश्रमों के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, जानें क्‍या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने आश्रमों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया।

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्वयंभू धर्मगुरुओं द्वारा संचालित आश्रमों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। याचिका में आरोप है कि इन आश्रमों में रहने वालों खासकर महिलाओं को बंदी बनाकर रखा गया। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'वह इस तरह के मामलों से नहीं निपट सकती।' इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली।

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आश्रमों की सूची पर भरोसा कैसे करें

पीठ ने कहा, 'वह उस सूची (आश्रमों की) पर भरोसा कैसे कर सकती है? हमें नहीं पता कि यह सूची उनका पक्ष सुनकर बनाई गई है या नहीं।' दरअसल, याचिकाकर्ता तेलंगाना निवासी डी. रामरेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी का कहना था कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं की सूची तैयार की है।

मराठा आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पांच को सुनवाई

महाराष्ट्र सामाजिक एवं शैक्षिक पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के तहत नौकरियों और शिक्षा में मराठों को आरक्षण बरकरार रखने के बांबे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई पांच फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत ने पिछले साल अंतरिम आदेश जारी कर महाराष्ट्र सरकार के उक्त फैसले पर रोक लगा दी थी।

कर्नाटक हाई कोर्ट में चार स्थायी जजों की नियुक्ति को मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने चार अतिरिक्त जजों की कर्नाटक हाई कोर्ट में स्थायी जजों के रूप में नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता में कोलेजियम की 16 दिसंबर, 2020 को हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई, लेकिन इसे शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर बुधवार को अपलोड किया गया।

नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रांची के उपायुक्त को निर्देश दिया कि वह नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता को तब तक मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करें जब तक वह 14 साल की नहीं हो जाती। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ कहा कि दुष्कर्म पीडि़ता को न सिर्फ मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है बल्कि सामाजिक भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है। पीठ ने दुष्कर्म पीडि़ता को प्रधानमंत्री आवास योजना या किसी अन्य केंद्रीय अथवा राजकीय योजना के तहत घर आवंटित करने पर विचार करने का भी आदेश दिया।

आधार संबंधी 2018 के फैसले पर पुनर्विचार से इन्कार

केंद्र सरकार की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध घोषित करने के अपने 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। हालांकि इस फैसले में शीर्ष अदालत ने आधार को बैंक अकाउंट, मोबाइल फोन और स्कूल में प्रवेश से जोड़ने के प्रविधानों को निरस्त कर दिया था। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया।

सौरव गांगुली व जय शाह के कार्यकाल विस्तार पर सुनवाई 16 को

बीसीसीआइ की ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई 16 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। याचिका में बोर्ड ने अपने अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के कार्यकाल विस्तार की मांग की है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई अन्य पीठ करेगी क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकतीं।


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